निर्यात घटा, आयात भी कम, घटा व्यापार घाटा

इस साल देश से अगस्त महीने में 22.33 अरब डॉलर के सामान का निर्यात हुआ है। यह पिछले अगस्त में हुए 24.74 अरब डॉलर के निर्यात से 9.74 फीसदी कम है। हालांकि अगर रुपए में आंका जाए तो यह पिछले अगस्त के मुकाबले 10.76 फीसदी ज्यादा है। कारण, अगस्त 2011 में एक डॉलर का मूल्य 44 रुपए के आसपास था, जबकि इस साल अगस्त में यह 55.50 रुपए के आसपास रहा। इस तरह रुपया डॉलर के सापेक्ष साल भर में करीब 26 फीसदी कमजोर हुआ है।

वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अगस्त 2012 तक के पांच महीनों में देश का कुल निर्यात 119.98 अरब डॉलर रहा है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 127.59 अरब डॉलर था। इस प्रकार वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में देश का निर्यात 5.96 फीसदी घटा है। हालांकि में रुपए की दृष्टि से यह 14.79 फीसदी बढ़ा है।

आयात की बात करें तो अगस्त में देश का कुल आयात 37.95 अरब डॉलर का रहा, जबकि पिछले साल अगस्त में यह 39.98 अरब डॉलर का था। इस तरह आयात में 5.08 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। लेकिन रुपए की दृष्टि से 16.47 फीसदी बढ़ा है। अप्रैल-अगस्त के पांच महीनों में हमारा कुल आयात 191.15 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले साल की समान अवधि में कुल आयात 203.79 अरब डॉलर रहा था। इस प्रकार डॉलर की दृष्टि से आयात 6.20 फीसदी घटा है, लेकिन रुपए की दृष्टि से 14.49 फीसदी बढ़ा है।

इस बार अगस्त में आयात किए गए खनिज तेल का मूल्य 12.88 अरब डॉलर था जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान किए गए 12.51 अरब डॉलर मूल्य के खनिज तेल आयात से 2.96 फीसदी अधिक है। अप्रैल-अगस्त 2012 के दौरान किए गए तेल आयात का मूल्य 66.69 अरब डॉलर था, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 64.87 अरब डॉलर के तेल आयात से 2.80 फीसदी ज्यादा है।

मंत्रालय के मुताबिक, अप्रैल-अगस्त 2012 के पांच महीनों में देश का व्यापार घाटा 71.17 अरब डॉलर रहा है जो कि पिछले साल की समान अवधि के 76.20 अरब डॉलर के व्यापार घाटे से कम है। व्यापार घाटे का कम होना सरकार के लिए सुकून की बात है क्योंकि इससे बढ़ने से देश के चालू खाते का घाटा बढ़ता है। सरकार इसे कम करने के लिए ही विदेशी पूंजी को खींचने के तमाम उपाय कर रही है।

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