कल शाम एक समझदार और अपेक्षाकृत ईमानदार ब्रोकर (क्योंकि ज्यादातर ब्रोकर केवल अपने धंधे के प्रति ईमानदार होते हैं, हमारे प्रति नहीं) से बात हो रही है। उनका कहना था कि हर समय हर किसी के लिए ट्रेड करने का नहीं होता। जैसे, इस समय जितनी वोलैटिलिटी चल रही है, निफ्टी दिन में अक्सर 200-250 अंक ऊपर नीचे होने लगा है, उसे देखते हुए हमें मैदान बड़ों के लिए छोड़ देना चाहिए। नहीं तो हम पिस जाएंगेऔरऔर भी

हम अक्सर प्रचलित मान्यताओं और प्रचार के शिकार हो जाते हैं। सच है कि जनधन का हर लुटेरा गलत है, चाहे वो राजनीतिक हो या चोर-डकैत। इस लूटे गए धन पर वह टैक्स देगा तो फंस जाएगा। ऐसी काली कमाई से निकला काला धन गलत है। लेकिन मान लीजिए कि हम फालतू झंझट से बचने से लिए अपनी मेहनत की कमाई पर टैक्स नहीं देते तो वह काला धन कैसे हो गया? कोई इलाका सरकार से बगावतऔरऔर भी

अपने यहां 20,000 रुपए की सीमा बड़ी चमत्कारिक है। उसे छूते ही कालाधन सफेद हो जाता है। अभी तक राजनीतिक पार्टियां चंदे की ज्यादातर रकम को इससे कम बताकर काले को सफेद करती रही हैं। अब सहाराश्री ने भी यही रास्ता अपना लिया है। सहारा समूह की दो कंपनियों की तरफ से जुटाए गए 24,000 करोड़ रुपए को लौटाने के बारे में पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा ने अविश्वास जताया तो सहाराऔरऔर भी

जिस देश के खज़ाना मंत्री को यह न पता हो कि उसके 125 करोड़ निवासियों में से कितने करोड़पति हैं और वो इसके लिए अमीरों की सत्यवादिता पर भरोसा करता हो, उस देश के खज़ाने का भगवान ही मालिक है और तय है कि कर्ज पर उस देश की निर्भरता बढ़ती चली जानी है। दूसरे शब्दों में उसका राजकोषीय घाटा बढ़ते ही जाना है। फिर भी हमारे वित्त मंत्री या खज़ाना मंत्री पी चिदंबरम दावा करते हैंऔरऔर भी

जिस सरकार को आमतौर पर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आम आदमी के मानवाधिकारों की खास फिक्र नहीं रहती, उसे विदेश में काला धन रखनेवाले खास भारतीयों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की भारी चिंता सता रही है। सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से कालेधन पर संसद में पेश श्वेतपत्र में कहा गया है कि सरकार ने दुनिया के जिन देशों के साथ दोहरा कराधान बचाव करार (डीटीएए) या कर सूचना विनिमय करार (टीआईईए) कर रखे हैं,औरऔर भी

बजाज ऑटो समूह के मुखिया और राज्यसभा सांसद राहुल बजाज ने कहा है कि जिन लोगों ने भी विदेश में कालाधन जमा कर रखा है, उन्हें सरकार को जेल में डाल देना चाहिए। हालांकि, उन्होंने भारतीय कंपनियों को लेकर विदेश में हुए सौदों पर टैक्स लगाने के लिए पिछली तिथि से आय कर कानून में प्रस्तावित संशोधन पर आपत्ति जताई। राजधानी दिल्ली में सोमवार को प्रमुख उद्योग संगठन, सीआईआई द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में वित्त मंत्री प्रणबऔरऔर भी

यह बजट किसके लिए है? आम के लिए, खास के लिए या बाजार के लिए! अगर प्रतिक्रियाओं के लिहाज से देखा जाए तो इनमें से किसी के लिए भी नहीं। आम आदमी परेशान हैं कि उसे बमुश्किल से मुद्रास्फीति की मार के बराबर कर रियायत मिली है। खास लोगों को कहना था कि वित्त मंत्री को राजकोषीय मजबूती के लिए जो ठोस उपाय करने थे, वैसा कोई भी साहसिक कदम उन्होंने नहीं उठाया है। उन्होंने दस मेंऔरऔर भी

स्विटजरलैंड अपनी छवि सुधारने में जुट गया है। दुनिया भर में कालेधन के लिए स्वर्ग व करचोरों की पनाहगाह के रूप में मशहूर स्विटजरलैंड की सरकार ने अपने बैंकों से कालेधन पर निगाह रखने को कहा है। स्विस सरकार का दावा है कि उसके इस निर्देश से कालेधन के खिलाफ लड़ाई में भारत जैसे देशों को काफी मदद मिल सकती है। स्विस सरकार ने अपने बैंकों से कहा कि वह ग्राहकों की गोपनीयता शर्तों को तोड़े बिनाऔरऔर भी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विदशी बैंकों में अवैध रूप से जमा धन की खोज और वसूली के लिए कानून लागू करनेवाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग की जरूरत पर जोर दिया है। सीबीआई के निदेशक ए पी सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली में कहा, “बहुराष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हमें हर स्तर पर एक दूसरे का सहयोग करने की जरूरत है। इसके लिए सभी कानून प्रर्वतनऔरऔर भी

अभी तक बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी कहते रहे थे कि स्विस बैंकों में भारतीयों ने 25 लाख करोड़ रुपए की काली कमाई जमा कर रखी है। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सरकार को घेरनेवाले जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी तक इस काले धन की मात्रा 17 लाख करोड़ रुपए बताते रहे हैं। लेकिन अब खुद सरकार की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने खुलासा किया है कि विदेशी बैंकों में भारतीयों के करीब 24.5औरऔर भी