हिंदुस्थान नेशनल ग्लास एंड इंडस्ट्रीज (एचएनजी) शराब से लेकर खाने-पीने की चीजों व दवाओं तक के लिए कांच की बोतलें बनाती हैं। 1946 में बनी कंपनी है। कोलकाता के नजदीक रिशरा में पहला संयंत्र लगाया था। अब उसके संयंत्र बहादुरगढ़, ऋषिकेश, नीमराना, नासिक और पुडुचेरी में हैं। घरेलू बाजार में कभी 65 फीसदी हिस्सेदारी हुआ करती थी। लेकिन नई कंपनियों के आने और क्षमता बढ़ाने से यह हिस्सा घटकर 55 फीसदी पर आ गया है। भारत केऔरऔर भी

धानुका एग्रीटेक कृषि रसायनों के अलावा उर्वरक व बीज भी बनाती है। तीन दशक पुरानी कंपनी है। इसके शेयर सिर्फ बीएसई (कोड – 507717) में ही लिस्टेड हैं। पिछले वित्त वर्ष के आखिरी दिन 31 मार्च 2011 को इसने 50.20 रुपए पर अपनी तलहटी पकड़ी थी। कल 28 मार्च 2011 को यह एकबारगी 6.73 फीसदी बढ़कर 73.70 रुपए पर बंद हुआ है, वो भी 2.31 लाख शेयरों के अच्छे-खासे वोल्यूम के साथ जिसमें से 88.58 फीसदी शेयरऔरऔर भी

मित्रों! मैं बड़े-चढ़े दावे नहीं करना चाहता। यह भी नहीं जानता कि यह एकालाप है या संवाद। लेकिन मेरी कोशिश यही है कि अपनी भाषा में वह सहज ज्ञान आपको उपलब्ध करवा दूं ताकि आप अपनी बचत को सही तरीके से निवेश करने का हुनर सीख लें, कोई आपको बड़े-बड़े झांसे देकर उल्लू न बना सके और आप जोखिम उठाएं तो आंखें मूंदकर नहीं, आंखें खोलकर। एक बहुत मोटा-सा सूत्र है कि जब तक आप किसी स्टॉकऔरऔर भी

टाटा केमिकल्स इतने सारे रसायन बनाती है कि आम जनजीवन, खेती-किसानी और उद्योग तक इससे अछूते नहीं हैं। उर्वरक से लेकर नमक, सोडा एश, सीमेंट व बायोडीजल तक। चर्चा है कि उसे जापान से नमक का बड़ा ऑर्डर मिलनेवाला है। इस समय भूकंप व सुनामी से तबाह जापान के तमाम इलाकों में रूह कंपा देनेवाली ठंड पड़ रही है। जापान को अभी भारी मात्रा में नमक चाहिए। लेकिन उसके पास नमक के अपने स्रोत खत्म होने लगेऔरऔर भी

कंपनियां भी हमारे-आप जैसे इंसान ही चलाते हैं तो जिस तरह अनागत का भय हमें कभी ज्योतिष तो कभी न्यूमेरोलॉजी के चक्कर में खींच ले जाता है, वैसा बहुत सारी कंपनियों के साथ भी होता है। जैसे, नाम सीधा-सा है एस डी एल्यूमीनियम। इसे पढ़ेंगे और हिंदी में लिखेंगे भी ऐसे, लेकिन अंग्रेजी में इसे कर दिया – Ess Dee Aluminium। खैर, हमें नाम से क्या, हमें तो काम से काम है। एस डी एल्यूमीनियम का शेयरऔरऔर भी

लैंको इंफ्राटेक (बीएसई – 532778, एनएसई – LITL) साल 2011 की शुरुआत में 3 जनवरी को 65.55 रुपए पर था। शुक्रवार 4 मार्च को 2.76 फीसदी गिरकर 36.95 रुपए पर बंद हुआ है। वह भी तब जब 3 मार्च को सीएलएसए ने इसे ‘आउटपरफॉर्म’ की रेटिंग देते हुए खरीदने की सलाह दी है। सीएलएसए का कहना है कि उसने कंपनी की ऋणग्रस्तता की गणना की है और यह शेयर 47 रुपए तक जा सकता है। यानी, जोऔरऔर भी

इनफोसिस से यौन उत्पीड़न के आरोप में निकाले गए फणीश मूर्ति की कंपनी आईगेट ने आखिरकार उस पटनी कंप्यूटर सिस्टम्स को खरीद लिया जिसमें कभी इनफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति काम किया करते थे। पटनी कंप्यूटर के अधिग्रहण का यह सौदा 122 करोड़ डॉलर (5543.68 करोड़ रुपए) में हुआ है। अमेरिका आधारित कंपनी आईगेट के सीईओ फणीश मूर्ति ने बैंगलोर में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उनकी कंपनी पटनी कंप्यूटर के तीन संस्थापकों – नरेंद्र पटनी,औरऔर भी

ऑयल इंडिया सरकार की नवरत्न कंपनी है। कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के धंधे में है। सितंबर 2009 में इसका आईपीओ 1050 रुपए प्रति शेयर मूल्य पर आया था। शुक्रवार को यह बीएसई (कोड – 533106) में 3.18 फीसदी की गिरावट के साथ 1328.70 रुपए और एनएसई (कोड – OIL) में 2.32 फीसदी गिरकर 1336.30 रुपए पर बंद हुआ है। हो सकता है आज भी गिरावट आए। लेकिन कंपनी के कामकाज और भावी योजनाओं को देखें तोऔरऔर भी

उम्मीद के मुताबिक एक और उतार-चढ़ाव से भरा दिन। सेंसेक्स बंद तो हुआ 24 अंक बढ़कर, लेकिन दिन भर में इसने 295 अंकों की पेंग भरी। वैसे, आज के स्टार परफॉर्मर रहे – हीरो होंडा और इस्पात इंडस्ट्रीज। इन दोनों की शिनाख्त में हम सबसे आगे रहे हैं। इस्पात ने कहानी को मुकाम पर पहुंचाने में पूरे बारह महीने लगा दिए। लेकिन हम खुश हैं क्योंकि इस स्टॉक ने 30 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया हैऔरऔर भी

डाबर इंडिया का शेयर है कि बढ़ता ही नहीं। 16 जून को 94.03 रुपए पर बंद हुआ था और पांच महीने बाद कल 16 नवंबर को भी कमोबेश उसी स्तर 93.30 पर बंद हुआ है। वह भी तब, जब कंपनी ने कल ही घोषणा की है कि उसकी अमेरिकी इकाई डर्मोविवा स्किन एसेंसियल्स अमेरिका की ही परसनल केयर कंपनी नमस्ते लैबोरेटरीज का अधिग्रहण 10 करोड़ डॉलर में कर रही है। इससे डाबर समूह को नमस्ते लैब्स कीऔरऔर भी