अभी तक केंद्र सरकार 119 सेवाओं पर टैक्स लगाती थी। लेकिन चालू वित्त वर्ष 2012-13 से सरकार ने 17 सेवाओं की ऐसी निषेध सूची बना दी है जिसके बाहर आनेवाली सभी सेवाओं पर टैक्स लगाया जाएगा। इस निषेध सूची में जुआ, सट्टा और लॉटरी भी शामिल है। यानी, इस पर कोई सर्विस टैक्स नहीं लगेगा। साथ ही रेडियो या टेलिविजन प्रसारण पर दिए गए विज्ञापनों के अलावा अन्य माध्यमों के विज्ञापनों को भी सर्विस टैक्स से मुक्तऔरऔर भी

अभी तक अगर किसी हाउसिंग सोसायटी में प्रॉपर्टी टैक्स वगैरह निकालकर प्रति सदस्य महीने का मेन्टेनेंस शुल्क 3000 रुपए तक है तो इस पर कोई सर्विस टैक्स नहीं लगता। नए वित्त वर्ष 2012-13 में सर्विस टैक्स की छूट की यह सीमा प्रति सदस्य 5000 रुपए कर दी गई है। हालांकि वित्त मंत्री ने अपने भाषण में इसे फ्लैट में रहनेवाले सदस्य के मासिक शुल्क में टैक्स छूट की बात कही है और स्पष्ट नहीं किया है किऔरऔर भी

इस साल नवंबर में अप्रत्यक्ष करों का संग्रह पिछले नवंबर की तुलना में 6.36 फीसदी बढ़कर 31,082 करोड़ रुपए रहा है। लेकिन पेट्रोलियम पदार्थों पर शुल्क घटाए जाने के कारण उत्पाद शुल्क या एक्साइज ड्यूटी के रूप में 6.5 फीसदी कम, 11,761 करोड़ रुपए का ही टैक्स मिला है। नवंबर में सर्विस टैक्स से सरकार को 7200 करोड़ रुपए मिले हैं। बता दें कि अप्रत्यक्ष करों में मुख्य रूप से कस्टम ड्यूटी (सीमा शुल्क), एक्साइज ड्यूटी औरऔरऔर भी

वित्त मंत्रालय सर्विस टैक्स के बारे में ऐसी सूची तैयार कर रहा है, जिसके बाहर की सभी सेवाओं पर टैक्स लगाया जाएगा। इसे निगेटिव लिस्ट या निषेध सूची का नाम दिया गया है। प्रस्तावित जीएसटी (माल व सेवा कर) की नई प्रणाली लागू हो जाने के बाद इस सूची की अहमियत बढ़ जाएगी। इसी के मद्देनजर सरकार यह सूची तैयार कर रही है। लेकिन सरकार की तात्कालिक चिंता यह है कि देश में पंजीकृत कुल 15 लाखऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने हर तरफ से हो रहे विरोध को देखते हुए वातानुकूलित निजी अस्पतालों और डाइग्नोस्टिक सेंटरों पर पांच फीसदी सर्विस टैक्स लगाने का प्रस्ताव को वापस ले लिया है। बजट में 25 बिस्तरों से ज्यादा के वातानुकूलित अस्पतालों पर 5 फीसदी सर्विस लगाने की घोषणा की गई थी। वित्त मंत्री ने ब्रांडेड परिधान निर्माताओं पर उत्पाद शुल्क अनिवार्य करने के प्रस्ताव में भी कुछ रियायत दी है जिससे उन्हें अब केवल 45 फीसदीऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने स्वास्थ्य और शिक्षा में किए गए निवेश को भी इंफ्रास्ट्रक्चर में शामिल करने का एलान किया है। इससे पहले 28 फरवरी को पेश बजट में वे कोल्ड स्टोरेज चेन और उर्वरक उद्योग में किए गए पूंजी निवेश को इंफ्रास्ट्रकर में शामिल करने की पेशकश कर चुके हैं। शुक्रवार को लोकसभा में बजट 2011-12 पर हुई बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, “स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माणऔरऔर भी

बजट 2011-12 में साल भर में 60 लाख रुपए तक का टर्नओवर करनेवाले व्यक्तियों और अकेले प्रॉपराइटर करदाताओं को ऑडिट की औपचारिकता से मुक्त कर दिया है। वित्त मंत्री ने यह घोषणा करते हुए कहा कि सर्विस टैक्स देनेवाले कई गुना बढ़ गए हैंम। इसमें भारी संख्या छोटे टर्नओवर वाले व्यक्तियों या अकेले प्रॉपराइटरों की है। जब भी कभी उनके दफ्तर में ऑडिट होता है तो ऑडिट के दौरान उन्हें अपना कामकाज समेटना या कहीं और लेऔरऔर भी

प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) और माल व सेवाकर (जीएसटी) पर अमल अप्रैल 2012 से पहले नहीं हो सकता। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी सोमवार को आम बजट में इसका ऐलान कर सकते हैं। लेकिन इस बीच पूरी संभावना है कि वे नए वित्त वर्ष 2011-12 के बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर दो लाख रुपए कर देंगे। अभी यह सीमा 1.60 लाख रुपए की है। सूत्रों के मुताबिक इसके अलावा विश्व बाजार में कच्चे तेल के बढ़तेऔरऔर भी

चालू वित्त वर्ष 2010-11 में अप्रैल से अक्टूबर तक के सात महीनों में सरकार का अप्रत्यक्ष कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि से 42.4 फीसदी ज्यादा रहा है। वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक कस्टम, सेंट्रल एक्साइज व सर्विस टैक्स जैसी मदों से सरकार को अप्रैल-अक्टूबर 2010 के दौरान कुल 1,80,261 करोड़ रुपए का कर-राजस्व मिला है। यह रकम इस साल में अप्रत्यक्ष कर संग्रह के बजट अनुमान का 57.5 फीसदी है। पूरे साल मेंऔरऔर भी

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 44 फीसदी बढ़कर 1,50,686 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। अप्रत्यक्ष कर संग्रह में सीमा शुल्क (कस्टम), केन्द्रीय उत्पाद शुल्क (एक्साइज) और सेवा कर (सर्विस टैक्स) शामिल हैं। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘अप्रैल-सितंबर 2010 में अप्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़कर 1,50,686 करोड़ रुपये पर पहुंच गया जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में हुए कर संग्रह के मुकाबले 44.4 फीसदीऔरऔर भी