बजट 2011-12 में साल भर में 60 लाख रुपए तक का टर्नओवर करनेवाले व्यक्तियों और अकेले प्रॉपराइटर करदाताओं को ऑडिट की औपचारिकता से मुक्त कर दिया है। वित्त मंत्री ने यह घोषणा करते हुए कहा कि सर्विस टैक्स देनेवाले कई गुना बढ़ गए हैंम। इसमें भारी संख्या छोटे टर्नओवर वाले व्यक्तियों या अकेले प्रॉपराइटरों की है। जब भी कभी उनके दफ्तर में ऑडिट होता है तो ऑडिट के दौरान उन्हें अपना कामकाज समेटना या कहीं और ले जाना पड़ता है।
इस दिक्कत को देखते हुए 60 लाख रुपए टर्नओवर तक के व्यक्तियों और अकेले प्रापराइटरों को ऑडिट के झंझट से बरी कर दिया है। साथ ही ऐसे करदाता को अगर देरी से टैक्स भरते हैं तो उन्हें केवल तीन फीसदी ब्याज देना पड़ेगा। वित्त मंत्री ने इसके अलावा सर्विस टैक्स से संबंधित पेनाल्टी के प्रावधानों को भी हल्का कर दिया।
होटल और रेस्टोंरेंट की खास श्रेणी को सेवा कर के दायरे में ले आया गया है। अस्पताओं की सेवाओं पर कर का स्वरूप बदला गया है। जीवन बीमा कंपनियों को निवेश योजनाओं पर सर्विस टैक्स लगाया गया है। लेकिन उम्मीद के विपरीत सर्विस टैक्स की दर को 10 फीसदी पर यथावत रखा गया है। वित्त मंत्री का कहना है कि नए प्रावधानों से सरकार को वित्त वर्ष 2011-12 में सर्विस टैक्स ने 4000 करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे।