वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने हर तरफ से हो रहे विरोध को देखते हुए वातानुकूलित निजी अस्पतालों और डाइग्नोस्टिक सेंटरों पर पांच फीसदी सर्विस टैक्स लगाने का प्रस्ताव को वापस ले लिया है। बजट में 25 बिस्तरों से ज्यादा के वातानुकूलित अस्पतालों पर 5 फीसदी सर्विस लगाने की घोषणा की गई थी।
वित्त मंत्री ने ब्रांडेड परिधान निर्माताओं पर उत्पाद शुल्क अनिवार्य करने के प्रस्ताव में भी कुछ रियायत दी है जिससे उन्हें अब केवल 45 फीसदी मूल्य पर उत्पाद शुल्क देना होगा। मुखर्जी ने 28 फरवरी को 2011-12 के बजट में ऐसे परिधानों के खुदरा मूल्य के 60 फीसदी मूल्य पर 10 फीसदी की दर से उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया था।
मंगलवार को लोकसभा में वित्त विधेयक 2011 को पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा ‘‘स्वास्थ्य क्षेत्र पर प्रस्तावित नया सेवाकर केवल राजस्व वसूली के लिए नहीं लगाया गया था बल्कि इसका उद्देश्य माल व सेवाकर (जीएसटी) की दिशा में आगे बढना था।’’ उन्होंने कहा ‘‘फिर भी मैंने फैसला किया है कि दोनों मामलों में, निजी अस्पतालों और डाइग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर सेवाकर जीएसटी पर अमल शुरू होने तक नहीं लगाया जाएगा।’’
वित्त मंत्री की इस घोषणा का सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया। वित्त मंत्री के इन दोनों बजट प्रस्तावों पर आम और खास लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। गत 28 फरवरी को वर्ष 2011- 12 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने पूरी तरह वातानुकूलित 25 बिस्तर या इससे अधिक क्षमता वाले अस्पतालों और बीमारी की जांच करने वाले डाइग्नोस्टिक सेंटरों की सेवाओं पर 50 फीसदी छूट के साथ सेवाकर लगा दिया था। इस लिहाज से इन सेवाओं पर 10 फीसदी के बजाय सेवा कर की प्रभावी दर पांच फीसदी ही होती।