कई सालों की मशक्कत के बाद नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (एनपीसीआई) ने प्रस्तावित विशिष्ट इंडिया कार्ड को अंतिम रूप दे दिया है जो व्यावसायिक रूप से लांच किए जाने के बाद वीजा व मास्टरकार्ड जैसी तुरंत भुगतान फर्मों की जगह लेगा।
एनपीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट को बताया कि प्रस्तावित कार्ड का नाम Rupay (रूपे) होगा। कंपनी की बोर्ड बैठक में इसके लोगो को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस काम की जिम्मेदारी एनपीसीआई को सौंप रखी है। यह कंपनी लगभग दो साल से इस बारे में योजना कर रही थी।
अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त के साथ बताया कि रूपे कार्ड के लिए ढांचे, डिजाइन व साफ्टवेयर आदि का काम वित्तीय सलाहकार फर्म अर्न्स्ट एंड यंग करेगी। अर्न्स्ट एंड यंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन शुरू में घरेलू एटीएम/डेबिट कार्ड पर यह सेवा देगी और बाद में क्रेडिट कार्ड बाजार में उतरेगी।
बता दें कि वीसा और मास्टर कार्ड मूलतः अमेरिका की कंपनियां हैं। हमारे हर डेबिट या क्रेडिट कार्ड में भुगतान के लिए अभी ये ही अपनी सेवाएं देती रही है। इनका लोगों हमारे कार्ड पर चस्पा रहता है। चीन कई साल पहले अपना खुद का यूनियन पे कार्ड जारी कर चुका है। लेकिन भारत अभी ढिलाई दिखाता रहा है। नोट करने की बात यह है कि अर्थकाम के संपादक ने बिजनेस भास्कर का मुंबई ब्यूरो प्रमुख होते हुए यह खबर अंग्रेजी या हिंदी किसी भी अखबार से पहले अगस्त 2009 में पेश कर दी थी।