मैं कल करीब दर्जन भर दमदार विश्लेषकों के मिला और वे सभी कच्चे तेल की चढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। उन्हें लगता है कि कच्चे तेल के दाम जल्दी ही 130-140 डॉलर प्रति बैरल तक चले जाएंगे। इसलिए वे खुद भी शॉर्ट सेलिंग कर रहे हैं और दूसरों को भी ऐसा करने की सलाह दे रहे हैं। कच्चे तेल की कीमतों का अनुमान लगाने के बारे में मेरा रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। 2005 में जब यहऔरऔर भी

चांदी के भाव रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाते जा रहे हैं। मंगलवार, 22 फरवरी को देश के तमाम सराफा बाजारों में चांदी के भाव बढ़ गए। राजधानी दिल्ली में तो चांदी (.999) के भाव 49,700 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गए। यह भारत में अब तक का ऐतिहासिक शिखर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो चांदी का भाव इस समय 34.31 डॉलर प्रति औंस (31.1034 ग्राम) पर पहुंच गया है जो 1980 के बाद का सबसे ऊंचाऔरऔर भी

रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और बीपी के बीच हुआ करार बाजार का रुख मोड़ देनेवाला विकासक्रम है। लेकिन ट्रेडर और निवेशक अब भी रिलायंस के कंसेट ऑर्डर पर सेबी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। यह मसला अगर सुलझ गया तो कम से कम रिलायंस में कॉरपोरेट गवर्नेंस को लेकर तमाम एफआईआई की धारणा पटरी पर आ सकती है। अब जाकर आखिरकार मैं वित्त मंत्रालय की तरफ से शेयर बाजार को कुछ घरेलू सहयोग या सहारा देनेऔरऔर भी

सरकार पश्चिम एशिया, विशेषकर मिस्र की घटनाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में आई तेजी पर नजर रखे हुए है और उसे विश्वास है कि वह तेल बाजार में उछाल से उत्पन्न स्थिति संभाल लेगी। यह आश्वासन दिया है वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने। बुधवार को वित्त मंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम स्थिति को संभाल लेंगे। पहले भी जब कच्चे तेल के दाम काफी बढ़करऔरऔर भी