होस्नी के बाद गद्दाफी, तेल भी जाएगा

मैं कल करीब दर्जन भर दमदार विश्लेषकों के मिला और वे सभी कच्चे तेल की चढ़ाई को लेकर चिंतित हैं। उन्हें लगता है कि कच्चे तेल के दाम जल्दी ही 130-140 डॉलर प्रति बैरल तक चले जाएंगे। इसलिए वे खुद भी शॉर्ट सेलिंग कर रहे हैं और दूसरों को भी ऐसा करने की सलाह दे रहे हैं। कच्चे तेल की कीमतों का अनुमान लगाने के बारे में मेरा रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है। 2005 में जब यह 20 डॉलर प्रति बैरल पर था, तब मैंने कहा था कि यह 120 डॉलर प्रति बैरल तक जाएगा और 2007-08 में ऐसा हो गया। फिर यह बढ़ते-बढ़ते 147 डॉलर तक चला गया। तब मैंने सलाह थी कि 150 डॉलर का स्टॉप लॉस लगाकर शॉर्ट सेल कर दें। मैंने 35 डॉलर प्रति बैरल तक इसके चले जाने का लक्ष्य बताया था और आगे जाकर ऐसा हो भी गया।

मैं लीबिया, इराक और सऊदी अरब की समस्याओं से अच्छी तरह वाकिफ हूं और मुझे यह भी पता है कि इनके पास साल 2075 तक तेल उत्पादन की पर्याप्त क्षमता है। मैं ऑन-रिकॉर्ड कह चुका हूं कि 2012 से पहले कच्चे तेल की कीमत 110 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर नहीं टिकेगी और मैं अब भी इस पर कायम हूं। मुकेश अंबानी ने साल भर पहले अनुमान जताया था कि तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएगी और मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में मची राजनीतिक उथलपुथल के बीच अब ऐसा हो गया है।

मैं मानता हूं कि तेल फिर से पलटकर 90 डॉलर पर आ जाएगा। इसके ठोस कारण हैं। पहले आप तलाशने की कोशिश कीजिए। वक्त आने पर खुद-ब-खुद इनका खुलासा हो जाएगा। इस बीच हो सकता है कि मैं भी आपको इन कारणों की गिनती करा दूं। फिलहाल मेरी यह बात नोट कर लें कि एल्यूमीनियम को छोड़कर बाकी तमाम जिंसों की कीमतों में अगले तीन से पांच महीनों में 15 से 20 फीसदी गिरावट आनेवाली है।

अब मुद्रास्फीति पर लगाम लगाई जा चुकी है। तेल भी काबू में आ जाएगा क्योंकि लीबिया मौजदा झगड़े को लंबे समय तक खींचना गवारा नहीं कर सकता। मैंने आपको बताया था कि मिस्र व होस्नी मुबारक का लफड़ा सुलझ जाएगा और ऐसा हो चुका है। मिस्र के संकट ने आपको बाजार में खरीद का शानदार मौका दिया था। आप चूके या नहीं, यह आप मुझसे बेहतर जानते होंगे।

खैर, अब बाजार की बात। निफ्टी जरा-सा बढा तो सेंसेक्स जरा-सा गिर गया। कुल मिलाकर स्थिति जस की तस। वैसे, बाजार अब 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) पर आकर टिका है, बल्कि आज यह इससे थोड़ा ऊपर चला गया। अब महीने का ब्रेक आउट 5677 पर है। इसलिए मेरे दोस्त थोड़ा वक्त ले सकते हैं या कुछ और ट्रिगर आने का इंतजार कर सकते हैं जिनसे निफ्टी 5677 पर पहुंच जाए। इस बीच आपको बता दूं कि मेरे मंदडिये यार अब भी इस गफलत में जी रहे हैं कि निफ्टी 4800 तक जा सकता है और इसलिए वे अपने शॉर्ट सौदों को काटने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके बजाय वे अपनी शॉर्ट सेलिंग बढ़ाते जा रहे हैं।

निफ्टी को 5677 तक ले जाना आसान काम नहीं है। उतार-चढ़ाव जबरदस्त रहेगा और वे चार्टों का इस्तेमाल तलहटी को ऊंचा उठाने में करेंगे क्योंकि निवेशक अब यही भाषा समझते हैं। 5185 की निचली रेखा फिलहाल बदलकर अब 5449 पर ले आई गई है।

मैंने आपको बताया था कि जब बाजार गिरकर 5200 पर चला गया था तो तेजड़ियों की हालत कितनी दयनीय हो गई थी और उनका सारा फायदा स्वाहा हो गया था। निफ्टी जब 6000 को पार कर जाएगा तब मंदड़ियों की ज़िंदगी भी इसी तरह दयनीय हो जाएगी और अपनी बैलेंस शीट में भयंकर घाटा देखकर उनके पास सिर धुनने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा। यह एक तरह का प्राकृतिक नियम है कि किसी भी एक तरफ सौदे करनेवाले ट्रेडरों को चपत लगती है और, एकतरफा सोच या सौदों से बाजार में दीर्घकालिक आधार पर ही धन बनाया जा सकता है।

जीवन में खुशियों और प्यार पाने व प्यार देने के पलों को हाथ से न जाने दें। दुनिया में यही एकमात्र सच है। बाकी सब भूल है, गलती है, छलावा है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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