फ्रांस की जिस कंपनी डास्सू एविएशन ने अपने 76 सालों के इतिहास में एक भी जहाज विदेश में न बेचा हो, उसे अचानक भारतीय वायुसेना से 126 राफेल युद्धक विमानों का ऑर्डर मिल जाना किसी को भी चौंका सकता है। वह भी तब, जब सौदा 15 अरब से 20 अरब डॉलर (75,000 करोड़ से एक लाख करोड़ रुपए) का हो। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोज़ी ने पिछले हफ्ते मंगलवार, 31 जनवरी को भारत सरकार के इस फैसलेऔरऔर भी

अपनी ईमानदारी के लिए मशहूर, लेकिन हर तरफ से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी सरकार के मुखिया, हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उनकी सरकार ने पिछले साल कई कानूनी व प्रशासनिक कदम उठाए। फिर भी सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता, जवाबदेही व शुचिता लाने में अभी लंबा वक्त लग सकता है। राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बेहतर प्रशासन सुनिश्चितऔरऔर भी

आर्थिक ठहराव की शिकार अर्थव्यवस्था ने यूपीए सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राज्यों के सामने याचक या नसीहत देने की मुद्रा में खड़ा कर दिया है। उन्होंने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा कि वे इस बात पर सावधानी से विचार करें कि किस तरह राज्य राष्ट्रीय मैन्यूफैक्चरिंग नीति का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। एक दशक में देश के सकल घरेलू उत्पादन में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के योगदान को 25औरऔर भी

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के मुताबिक, अब समय आ गया है कि महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) पर अमल के दूसरे चरण की शुरुआत की जाए। गुरुवार को राजधानी दिल्ली में छठे मनरेगा सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि राज्‍य सरकारों और विभिन्‍न समूहों के साथ व्‍यापक विचार-विमर्श के बाद अनेक नए विचार सामने आए और उनमें से कुछ को अगले महीने तक मनरेगा के दूसरे चरण में शामिल करऔरऔर भी

पिछले साल के बजट में वित्त मंत्री ने भले ही वरिष्ठ नागरिक माने जाने की उम्र घटाकर 65 से 60 साल कर दी हो, लेकिन देश में बुजुर्गों की सुरक्षा व देखभाल की स्थिति बिगड़ती जा रही है। केंद्र सरकार ने बारह साल पहले 1999 में ‘बूढ़े व्यक्तियों पर राष्ट्रीय नीति’ (एनपीओपी) बनाकर बुजुर्गों की समस्याओं को हल करने की पहल की थी। लेकिन इस नीति और इस पर अमल का अभी तक कोई अतापता नहीं है।औरऔर भी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत शिकायत दर्ज कराना देश के हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है और सरकार को ज्यादा से ज्यादा चार महीने के भीतर किसी लोकसेवक (मंत्री या अफसर) के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए कहा कि कोर्ट ने कहा किऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चीनी क्षेत्र को नियंत्रण-मुक्त करने के मुद्दे पर एक विशेषज्ञ समिति बना दी है। इसकी अध्यक्षता उनकी आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन डॉ. सी रंगराजन को सौंपी गई है। समिति में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु, कृषि लागत व मूल्य आयोग (सीएसीपी) के चेयरमैन अशोक गुलाटी और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सचिव के पी कृष्णन को मिलाकर कुछ छह सदस्य होंगे। सरकार ने खाद्य व उपभोक्ता मामलात मंत्रालयऔरऔर भी

इधर सरकार मीडिया को लेकर कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो गई है। एक तरफ संचार मंत्री कपिल सिब्बल गूगल से लेकर फेसबुक जैसे इंटरनेट माध्यम को लेकर भिड़े पड़े हैं, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रिंट माध्यम में पेड न्यूज़ के बढ़ते सिलसिले पर चिंता जताई है। एक अन्य विकासक्रम में सरकार ने एनडीटीवी इंडिया से लंबे समय से जुड़े पत्रकार पंकज पचौरी को प्रधानमंत्री कार्यालय में सूचना सलाहकार नियुक्‍त कर दिया है। उनकी नियुक्ति तत्‍कालऔरऔर भी

कॉरपोरेट क्षेत्र में बहस छिड़ी है कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह देश के लिए वरदान हैं या अभिशाप। देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी, एचडीएफसी के प्रमुख दीपक पारेख जैसे दिग्गज कहते हैं कि डॉ. सिंह के रूप में हमें अब तक के सबसे अच्छे प्रधानमंत्री मिले हैं। वे एकदम बेदाग राजनेता हैं। इसलिए देश के वरदान हैं। वहीं दूसरा पक्ष कहता है कि डॉ. सिंह भले ही स्वच्छतम छवि के नेता हों, लेकिन उन्होंने जिसऔरऔर भी

।।मनमोहन सिंह।। संस्‍कृत भारत की आत्‍मा है। संस्‍कृत विश्‍व की प्राचीनतम जीवित भाषाओं में से एक है। लेकिन प्रायः इसके बारे में गलत धारणा है कि यह केवल धार्मिक श्‍लोकों और अनुष्ठानों की ही भाषा है। इस प्रकार की भ्रांति न केवल इस भाषा की महत्‍ता के प्रति अन्‍याय है, बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि हम कौटिल्य, चरक, सुश्रुत, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, ब्रह्मगुप्‍त व भास्‍कराचार्य जैसे अनेक लेखकों, विचारकों, ऋषि-मुनियों और वैज्ञानिकों के कार्य केऔरऔर भी