केंद्र सरकार के कामकाज में ई-भुगतान प्रणाली पूरी तरह अपना लिये जाने के बाद करीब दो करोड़ चेकों की जरूरत खत्म हो जाएगी। इससे केंद्रीय मंत्रालयों, प्रतिरक्षा और रेलवे विभाग द्वारा किया जा रहा 6 लाख करोड़ रुपए का भुगतान ऑनलाइन हो जाएगा। अभी रिजर्व बैंक ने इलेक्‍ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (ईसीएस), नेशनल इलेक्‍ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) और रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) जैसी इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियां चला रखी हैं। सरकार नकद-रहित लेन-देन का लक्ष्य हासिल करना चाहतीऔरऔर भी

निर्यात की संदेहास्पद बढ़त जारी है। करीब तीन हफ्ते पहले हमारे वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने जो बताया था, आखिरकार आंकड़े उसकी तस्दीक करते हैं। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2011 में भारत का निर्यात 24.82 अरब डॉलर रहा है। यह सितंबर 2010 में हुए 18.20 अरब डॉलर के निर्यात से 36.36 फीसदी ज्यादा है। रुपए में यह वृद्धि 41.01 फीसदी निकलती है। लेकिन सरकार ने इस बात काऔरऔर भी

बहुराष्ट्रीय कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू का वो विज्ञापन आपको जरूर याद होगा कि जिसमें बच्चे के सिर से शैम्पू के झाग को नीचे बहते दिखाया गया है। लेकिन अमेरिकी शहर न्यूजर्सी में एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य गठबंधन व पर्यावरण समूह ने दावा किया है कि जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू में बच्चों के लिए नुकसानदेह समझे जानेवाले दो रसायन मौजूद हैं। फिर भी कंपनी इस शैम्पू को अमेरिका और कुछ अन्य देशों में बेधड़कऔरऔर भी

सार्वजनिक तेल मार्केटिंग कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के बढ़ते दाम और डॉलर के मुकाबले कमजोर पड़ते रुपए को देखते हुए पेट्रोल के दाम में 1.82 रुपए प्रति लीटर बढ़ाने की तैयारी में हैं। करीब ढाई महीने पहले ही 16 सितंबर को तेल कंपनियों – इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम ने पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 3,14 रुपए बढ़ाए हैं। नोट करने की बात यह है कि जून 2010 से ही पेट्रोल के मूल्यऔरऔर भी

चीन के करीब आधे करोड़पति देश छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं। करीब 14 फीसदी करोड़पति या तो देश से बाहर जा चुके है या फिर इसके लिए आवेदन कर चुके हैं। यह बात एक सर्वेक्षण में सामने आई है। मई से सितंबर के बीच हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट और बैंक ऑफ चाइना की ओर से कराए संयुक्त सर्वेक्षण में 980 प्रतिभागियों में से 46 फीसदी ने देश से बाहर जाने की इच्छा जताई है। सर्वेक्षण के नतीजे ‘प्राइवेटऔरऔर भी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को उस सार्वजनिक खरीद नीति को मंजूरी दे दी जिसके तहत केंद्र सरकार के हर मंत्रालय, विभाग व कंपनी को अपनी सालाना जरूरत का कम से कम 20 फीसदी हिस्सा सूक्ष्‍म व लघु उद्यमों (एमएसई) से खरीदना होगा। इसमें माल व सेवाएं दोनों शामिल हैं। इन नीति को सूक्ष्‍म, लघु व मझोले उद्यम विभाग (एमएसएमईडी) अधिनियम, 2006 की धारा 11 के तहत अधिसूचित किया जाएगा। नई नीति के मुताबिक केंद्र सरकार के इनऔरऔर भी

बाजार चूंकि निफ्टी में 200 दिनों के मूविंग औसत (डीएमए) 5408 को नहीं पार कर सका, इसलिए थोड़ा दम मारना लाजिमी था। इसी के अनुरूप बाजार सुबह 5310.85 पर पहुंचने के बाद जो गिरना शुरू हुआ तो यह गिरता ही चला गया। अंत में 1.37 फीसदी की गिरावट के साथ 5253.75 पर बंद हुआ है। यह और कुछ नहीं, बल्कि बाजार का खुद को जमाने का उपक्रम है। इस प्रक्रिया में निफ्टी बहुत नीचे गया तो फिरऔरऔर भी

पहले घर एक-मंजिला हुआ करते थे। अब बहु-मंजिला होते हैं। पहले धन-दौलत सोने-चांदी के सिक्कों या बर्तनों के रूप में जमीन या दीवार में गाड़कर बचाई जाती है। अब लोग अपनी बचत बैंक एफडी, म्यूचुअल फंड या शेयरों जैसे अनाकार माध्यमों में लगाते हैं। पहले मुद्रास्फीति नहीं थी तो बचत जितना रखो, उतनी ही रहती थी। अब खोखली होती जाती है। इसलिए आप कमाकर बचाते हैं, यह पर्याप्त नहीं। आपकी बचत को भी कमा पड़ेगा। कम याऔरऔर भी

इस दुनिया-जहान में कुछ भी अनायास नहीं होता। हर चीज में एक पैटर्न है। हर घटना के पीछे कोई न कोई नियम है। जिसे देख नहीं पाते, उसे हम अपवाद कह देते हैं। लेकिन अपवाद भी नियमों के अधीन है।और भीऔर भी