गुल टेकचंदानी को आपने देखा भी होगा, सुना भी होगा, अंग्रेजी और हिंदी के बिजनेस चैनलों पर। निवेश सलाहकार हैं, बाजार के विश्लेषक हैं। निवेश उनका धंधा है। लेकिन सबसे बड़ी बात है धंधे में बड़े बेलाग हैं, ईमानदार हैं। बताते हैं कि छात्र जीवन में ही सट्टे का चस्का लग गया था। 1980-81 के आसपास शेयर बाजार से इतना कमाया कि दक्षिण मुंबई में दफ्तर, गाड़ी, बंगला सब कुछ हो गया। पिता को बोले कि मुझेऔरऔर भी

अगर हर दिन आपके भीतर कोई नया विचार नहीं कौंधता, गुत्थियों से भरे इस संसार में किसी गुत्थी को सुलझाने का हल्का-सा सिरा भी नहीं मिलता तो समझ लीजिए कि आप जीते जी मर चुके हैं।और भीऔर भी

मान लीजिए कि आप डॉक्टर, इंजीनियर या वकील जैसे प्रोफेशनल हैं और आप किसी घनी बस्ती में रहते हैं। एक दिन आंधी-तूफान आता है और आपका एअर-कूलर या एसी का बॉक्स आपके पड़ोसी की कार पर गिरकर उसे क्षतिग्रस्त कर देता है। आपका पड़ोसी अंकड़ू हुआ तो आपसे झगड़ा करेगा और भी ज्यादा गुस्से वाला हुआ तो हरजाने के लिए आपको कोर्ट में घसीटने की सोचेगा। यह एक आकस्मिक हादसा है जिसके लिए आप जिम्मेदार नहीं हैंऔरऔर भी

न सीखने की कोई उम्र होती है और न ही गलतियों को दुरुस्त करने के लिए अगले जन्म की जरूरत होती है। जो कहते हैं कि अगले जन्म ये गलती नहीं करेंगे, वे बस अपनी चमड़ी बचा रहे होते हैं।और भीऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने राजकोषीय घाटे को कैसे ‘मैनेज’ किया होगा, इसका हल्का-हल्का रहस्य अब सामने आने लगा है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने उर्वरक सब्सिडी के लिए लोकसभा में 8000 करोड़ रुपए की अनुपूरक अनुदान मांग पेश की। इसे मिला देने पर चालू वित्त वर्ष 2010-11 में उर्वरक सब्सिडी का कुल खर्च 66,075 करोड़ रुपए हो जाता है, जबकि वित्त मंत्री ने चार दिन पहले ही पेश किए गए बजट में इस खर्च का संशोधितऔरऔर भी

सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल पिछले कुछ समय से जरूरत से ज्यादा स्टाफ होने की वजह से परेशान है। संचार व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री गुरूदास कामत ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि 31 दिसंबर 2010 की स्थिति के अनुसार महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) में कुल 44,046 कर्मचारी हैं। कामत ने बताया कि वर्ष 2007-08 में एमटीएनएल की आय 5330 करोड़ रूपए रही और उसने अपने स्टाफ के वेतन व अन्य बकाये पर 1643औरऔर भी

अमेरिका की एक सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत नकली मुद्रा के बढ़ते प्रवाह से जूझ रहा है जिसका प्रमुख स्रोत पाकिस्तान है और इस मुद्रा का इस्तेमाल आतंकवाद व आपराधिक नेटवर्क अपनी गतिविधियां चलाने के लिए करते हैं। इस स्थिति पर चिंता जताते हुए अमेरिकी विदेश विभाग की वर्ष 2011 की अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ नियंत्रण रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत बड़े पैमाने पर नकली मुद्रा के बढ़ते प्रवाह से जूझ रहा है जोऔरऔर भी

नोवार्टिस फार्मा क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इंसानों से लेकर जानवरों तक की दवाएं बनाती है। 1996 में सीबा-गेगी और सैंडोज के विलय के बाद वजूद में आई। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के शहर बासेल में है। अभी कल ही मशहूर फॉर्च्यून पत्रिका में इसे दवा कारोबार में दुनिया की सबसे पसंदीदा कंपनियों में पहले नंबर पर रखा है। लेकिन इसकी भारतीय इकाई नोवार्टिस इंडिया के शेयरों पर खास चमक नहीं आई। कारण वाजिब भी लगता है क्योंकिऔरऔर भी

समय हर जड़त्व से मुक्त कछुआ है। लेकिन हम जड़त्व से ऐसे घिरे हैं कि यथास्थिति नया कुछ करने से रोकती है। सोते-जागते खरगोश की तरह बढ़ते हैं हम। ठान लें तो समय से आगे निकल जाएं।और भीऔर भी