केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत इस साल उत्तर प्रदेश के लिए 537 करोड़ रुपए का खर्च मंजूर किया है। असल में इस साल की वार्षिक योजना में उत्तर प्रदेश सरकार ने कुल 537 करोड़ रुपए खर्च का प्रस्ताव रखा था, जिसे केंद्र सरकार ने बेझिझक स्वीकार कर लिया है।
इसमें से 260.96 करोड़ रुपए 449 नए विद्यालयों की स्थापना पर खर्च किए जाने हैं, जबकि 64.13 करोड़ रुपए इस समय चल रहे 233 माध्यमिक विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण व प्रयोगशाला वगैरह के लिए रखे गए हैं।
2009 और 2010 में स्वीकृत किए गए 572 नए विद्यालयों के कर्मचारियों के वेतन के लिए 199.57 लाख रुपए रखे गए हैं। इन कर्मचारियों में 572 प्रधानाचार्य और 4004 शिक्षक व गैर-शिक्षक कर्मचारी शामिल हैं। 1135 सरकारी स्कूलों को 5.68 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है। करीब एक करोड़ रुपए 402 पुराने सरकारी स्कूलों की मरम्मत के लिए हैं।
4.63 करोड़ रुपए की राशि के साथ 2010-11 में स्वीकृत 318 विद्यालयों के शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए रखे गए हैं। 7.82 लाख रुपए का प्रावधान छात्रों के निर्देशन व परामर्श सेवाओं के लिए है। 1.09 करोड़ रुपए 18160 विद्यालय प्रबंधन व विकास समिति (एसएमडीसी) सदस्यों के प्रशिक्षण के लिए मंजूर किए गए हैं।