सुप्रीम कोर्ट का आदेश आते ही टेलिकॉम नियामक संस्था, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) सक्रिय हो गई है। उसने शुक्रवार को देश के 22 सर्किलों में 2जी बैंड स्पेक्ट्रम की नीलामी के बारे में सभी संबंधित पक्षों की राय जानने के लिए में एक पूर्व-परामर्श पत्र जारी कर दिया। 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से पहले भी ऐसा किया गया था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका संख्‍या 423/2010 और 10/2010 पर 2 फरवरी 2012 को सुनाएऔरऔर भी

दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मशीन से मशीन और व्‍यक्ति से मशीन तक संदेश भेजने की प्रतिदिन प्रति सिम 200 एसएमएस की सीमा में बुधवार को छूट दे दी। ट्राई द्वारा एक दिसंबर 2010 को जारी दूरसंचार व्‍यवासायिक संचार उपभोक्‍ता प्राथमिकता अधिनियम 27 सितंबर 2011 को लागू किया गया था। इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार किसी भी एक्‍सेस प्रोवाइडर को प्रतिदिन प्रति सिम 200 से ज्‍यादा एसएमएस भेजने की इजाजत नहीं है। दूरसंचार मंत्रालय की कहनाऔरऔर भी

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अनुसार 31 मार्च 2011 तक देश के 98.5% गांवों तक सार्वजनिक टेलीफोन पहुंच चुके थे। देश में कुल गांवों की संख्या 5.94 लाख है। इनमें से 5.85 लाख गांवों में सार्वजनिक फोन उपलब्ध हैं। हर सौ की आबादी में हिमाचल के गांवों में 70.23, पंजाब में 56.92, केरल में 53.25, हरियाणा में 51.23, तमिलनाडु में 48.92 और मध्य प्रदेश में 22.92 लोगों पर फोन है। सबसे कम फोन घनत्व बिहार मेंऔरऔर भी

स्पेक्ट्रम की भारी किल्लत को देखते हुए सरकार नयी दूरसंचार नीति में दो या अधिक सेवा प्रदाताओं के बीच स्पेक्ट्रम के साझा इस्तेमाल की अनुमति दे सकती है। नयी दूरसंचार नीति, 2011 की रूपरेखा तैयार करने में लगे अधिकारियों ने कहा, ‘‘यद्यपि ट्राई (टीआरएआई) ने स्पेक्ट्रम के साझा इस्तेमाल की सिफारिश की है, लेकिन इसके खरीद-फरोख्त की कभी भी सिफारिश नहीं की गई।’’ अधिकारियों ने 2जी स्पेक्ट्रम में खरीद-फरोख्त से इनकार किया है क्योंकि इसकी नीलामी नहींऔरऔर भी

लाइसेंस शर्तों के अनुसार समय पर सेवाएं शुरू नहीं करने वाले ऑपरेटरों का लाइसेंस रद्द करने के मुद्दे पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और दूरसंचार विभाग (डॉट) के बीच विवाद और गहरा गया है। ट्राई ने दूरसंचार विभाग से कहा है कि वह 69 में से सिर्फ 15 लाइसेंस रद्द करने के विचार पर मामला दर मामला कारण बताए। दूरसंचार मंत्रालय से पत्र मिलने की पुष्टि करते हुए ट्राई के चेयरमैन जे एस शर्मा ने कहा,औरऔर भी

लोगों को अनचाही कॉल्स और एसएमएस से मुक्ति पाने में एक साल और लग सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के रुख से तो ऐसा ही लगता है। बीएसएनएल ने कहा है कि उसे आवश्यक मंजूरी मिलने के बाद अपने नेटवर्क के उन्नयन में 10 माह का समय लगेगा। दूरसंचार नियामक संस्था, टीआरएआई (ट्राई) ने टेलीमार्केटिंग कंपनियों के लिए ऐसी नंबर सीरीज जारी करने को कहा है कि जिसे पहचाना जा सके औरऔरऔर भी

खबर पक्की है सिटी ने कुछ स्टॉक्स बेच डाले हैं। फिर भी घबराने की कोई जरूरत नहीं। दरअसल, एफआईआई को अपने विदेशी आधार के चलते इस तरह की सूचनाएं पहले मिल जाती है जो हमेशा स्थानीय खिलाड़ियों या घरेलू निवेशकों को काफी नुकसानदेह स्थिति में डाल देती है। आज बाजार में सुबह से ही ज्वार-भाटे की हालत है। महज आधे घंटे में निफ्टी 36 अंक और सेंसेक्स 115 अंक का गोता लगा गया। उसके बाद बाजार जितनाऔरऔर भी

पूर्व दूरसंचार मंत्री अरुण शौरी ने इस आरोप को पूरी तरह मनगढ़ंत करार दिया कि उन्होंने वर्ष 2003 में नए लाइसेंसों के लिए बोली लगाये जाने की प्रक्रिया के विपरीत ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की नीति अपनाने को मंजूरी दी थी। वर्ष 2001 से 2009 के बीच दूरसंचार मंत्रालय द्वारा अपनाई गई प्रक्रियाओं की पड़ताल कर चुके सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिवराज पाटिल की समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2003 में बिना किसी दिशानिर्देशऔरऔर भी

दूरसंचार नियामक संस्था, ट्राई ने देश भर के लिए 6.2 मेगाहर्ट्ज 2जी स्पेक्ट्रम की कीमत कई गुना बढाने का सुझाव दिया है जो वित्तीय रूप में मौजूदा और नई दूरसंचार कंपनियों पर बड़ा असर डाल सकता है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राई) का सुझाव है कि देश भर के लिए 6.2 मेगाहर्ट्ज 2 जी स्पेक्ट्रम की कीमत को बढाकर 10,972.45 करोड़ रुपए कर दिया जाए जो फिलहाल 1658 करोड़ रुपए है। इस आधार पर 2008 में अखिलऔरऔर भी

दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने भले ही 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में 1.76 लाख करोड़ रूपए के नुकसान संबंधी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के आकलन को गलत बताया हो लेकिन इसे न तो सुप्रीम कोर्ट और न ही कैग ने कोई तवज्जो दी है। कैग का कहना है कि वह संसद को सौंपी अपनी रिपोर्ट पर कायम है, जबकि सुप्रीम ने सिब्बल के बयान पर यह कहते हुए संज्ञान नहीं लेने से इनकार कर दिया कि यहऔरऔर भी