परमाणु संयंत्रों के विरोध के पीछे अमेरिकी हाथ!
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का खास अंदाज था कि वे देश की हर समस्या के पीछे विदेशी हाथ बता देती थीं। अब हमारे ताजा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी लगता है कि वही शॉर्टकट अपना लिया है। उन्होंने साइंस पत्रिका में शुक्रवार को छपे एक इंटरव्यू में कहा है कि भारत में परमाणु संयंत्रों को लगाने के विरोध के पीछे अमेरिका के अ-सरकारी संगठनों (एनजीओ) का हाथ है। आपको याद ही होगा कि महाराष्ट्र के जैतापुर केऔरऔर भी
एनजीओ को बाहर से मिले 40,000 करोड़
देश में सक्रिय 77,850 एनजीओ को 2005-06 से लेकर 2008-09 के दौरान विदेशी स्रोतों से करीब 40,000 करोड़ रुपए मिले हैं। यह जानकारी गृह राज्यमंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने राज्यसभा में दी है। उन्होंने बताया कि 2005-06 में 18,650 एनजीओ को 7889.12 करोड़ रुपए मिले थे। इसके बाद 2006-07 में 19,462 एनजीओ को 11,111.12 करोड़ रुपए, 2007-08 में 19,247 एनजीओ को 9723.96 करोड़ रुपए और 2008-09 में 20,499 एनजीओ को 10,837.49 करोड़ रुपए के बराबर सहायता राशि याऔरऔर भी
उठी सिब्बल व वाहनवती की सीबीआई जांच की मांग
एक एनजीओ ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और अटॉर्नी जनरल जी.ई. वाहनवती के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) नाम की इस संस्था ने सिब्बल पर आरोप लगाया है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सिलसिले में उन्होंने अनिल अंबानी की अगुवाई वाली आरकॉम पर लगने वाले जुर्माने की रकम को 650 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ कर दिया। सीपीआईएल का यह भी आरोपऔरऔर भी
सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ पर लगाया जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और उसके सचिव को किसी दूसरे की खातिर जनहित याचिका (पीआईएल) दायर करने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया है। साथ ही एनजीओ पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। यह मामला एनजीओ द्वारा सुप्रीम कोर्ट व गुजरात हाईकोर्ट में स्टील लॉबी की तरफ से पीआईएल दाखिल करने का है। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एस एच कापड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ ने कल्याणेश्वरी नामक गैर सरकारी संगठनऔरऔर भी
सुप्रीम कोर्ट ने दिया जीवीके, जीएमआर को झटका
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि दिल्ली और मुंबई के हवाई अड्डों को विकसित कर रही निजी क्षेत्र की कंपनियां घरेलू व अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से एयरपोर्ट विकास शुल्क (एडीएफ) नहीं वसूल सकतीं। बता दें कि दिल्ली हवाई अड्डे का विकास व प्रबंधन जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर और मुंबई एयरपोर्ट का विकास व प्रबंधन जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा प्रवर्तित कंपनियों के हवाले कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश सिरियाक जोसेफ और न्यायाधीश ए के पटनायक कीऔरऔर भी
एनजीओ की गुहार, हम पर न लगाओ टैक्स
गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से आग्रह किया है कि उनके लिए प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) में भी कर छूट का प्रावधान जारी रखा जाना चाहिए ताकि संगठनों को कल्याणकारी गतिविधियों के लिए प्रोत्साहन मिलता रहे। ‘टैक्स पेयर्स प्रोटेक्शन एंड वेल्फेयर सोसायटी’ द्वारा राजधानी दिल्ली में जारी एक बयान में कहा गया है, “करों से धर्मार्थ संस्थानों को संसाधन जुटाने में बाधा आएगी और कल्याणकारी गतिविधियां चलाने की उनकी क्षमता घटेगी।” बयान में कहाऔरऔर भी
वित्तीय समावेश के प्रयास नाकाफी हैं: रिजर्व बैंक
रिजर्व बैंक ने देश के अधिक से अधिक लोगों तक वित्तीय सेवाओं तक पहुंचाने के लिए चल रही वित्तीय समावेश की कोशिशों को नाकाफी बताया है। उसके मुताबिक वित्तीय समावेश के लक्ष्य को हासिल करने के लिए और ज्यादा प्रयास की जरूरत है। साथ ही जरूरत है कि आर्थिक विकास की सफलता को व्यापक आधार देने के लिए उद्यमशीलता की भावना पैदा की जाए। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर के सी चक्रवर्ती ने मंगलवार को अहमदाबाद केऔरऔर भी