गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से आग्रह किया है कि उनके लिए प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) में भी कर छूट का प्रावधान जारी रखा जाना चाहिए ताकि संगठनों को कल्याणकारी गतिविधियों के लिए प्रोत्साहन मिलता रहे।
‘टैक्स पेयर्स प्रोटेक्शन एंड वेल्फेयर सोसायटी’ द्वारा राजधानी दिल्ली में जारी एक बयान में कहा गया है, “करों से धर्मार्थ संस्थानों को संसाधन जुटाने में बाधा आएगी और कल्याणकारी गतिविधियां चलाने की उनकी क्षमता घटेगी।”
बयान में कहा गया है कि सरकार को डीटीसी के प्रावधानों पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि धर्मार्थ संगठन नए नियमों से प्रभावित न हों। डीटीसी के अप्रैल 2012 से कार्यान्वित होने की संभावना हैं और यह 50 साल पुराने आयकर कानून, 1961 की जगह लेगा। हालांकि, इसमें कहा गया है कि नई प्रणाली केवल उन सोसाइटियों, ट्रस्टों पर लागू होगी जिनकी स्थापना प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) के कार्यान्वयन के बाद की जाएगी।