ब्रिक देश (ब्राजील, रूस, भारत, चीन) अब उभरते बाजार नहीं रह गए हैं बल्कि विश्व अर्थव्यवस्था के लिये ‘वृद्धि बाजार’ बन गए हैं। अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन शैक्स के चेयरमैन (संपत्ति प्रबंधन) जिम ओ नील ने बीजिंग में यह बात कही है। दस साल पहले जिम ओ नील ने ही इन देशों के लिए उभरता बाजार शब्द का उपयोग किया था।
ब्रिक्स शिखर बैठक से पूर्व ओ नील ने चाइना डेली को दिए गए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि ब्राजील, रूस, भारत और चीन अब उभरते बाजार रह गए हैं। इन देशों के लिए यह शब्द इस्तेमाल करना अब सही नहीं है। वे अलग प्रकार के बाजार बन चुके हैं।’’
ब्रिक का विस्तार हुआ है और इसमें अब दक्षिण अफ्रीका भी शामिल है जिसके बाद इसे ब्रिक्स कहा जाने लगा है। चीन के सान्या में ब्रिक्स की दो दिवसीय शिखर बैठक बुधवार से शुरू हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे विचार से बिक्र देश विश्व अर्थव्यवस्था को नया रूप दे रहे हैं। उनके कारण वैश्विक आर्थिक विकास की दर 3.7 फीसदी से बढ़कर 4.5 फीसदी हो गई है।’’ दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने के बाद संगठन का नाम ब्रिक्स होने के बावजूद ओ नील ने ब्रिक शब्द का ही इस्तेमाल किया। दक्षिण अफ्रीका पहली बार शिखर बैठक में भाग ले रहा है।