दुनिया में दो तरह के लोग हैं। एक वो जो मूर्खों की तरह कोई परवाह किए बगैर गिरते-पड़ते बिंदास जिए जाते हैं। ऐसे मूर्खों की श्रेणी में मुझ जैसे बहुतेरे लोग आते हैं। दूसरे वो लोग हैं जो मूर्खों की तरह डर-डरकर ज़िंदगी जीते हैं; हर छोटे-बड़े फैसले से पहले जितनी भी उल्टी बातें हो सकती है, सब सोच डालते हैं। फिर या तो घबराकर चलने ही इनकार कर देते हैं या चलते भी हैं तो सावधानियोंऔरऔर भी

कभी-कभी कुछ चीजों का साक्ष्य नहीं होता, लेकिन इससे वो चीजें गलत नहीं हो जातीं। मैं यहां ईश्वर जैसी सत्ता की नहीं, बल्कि शेयर बाजार में अभी हाल में चले खेल की बात कर रहा हूं। साधारण-सी रिश्वतखोरी को बडे घोटाले की तरह पेश करना, लोड सिंडिकेशन के काम में लगी मनी मैटर्स फाइनेंशियल सर्विसेज को निपटाना, सेंसेक्स से ज्यादा मिड कैप और स्माल कैप शेयरों को पीट डालना, कुछ ऑपरेटरों को रत्ती भर भी आंच नऔरऔर भी

मशहूर अंतरराष्ट्रीय पत्रिका फोर्ब्स ने साल 2010 के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में कुल 68 जानी-मानी हस्तियों को शामिल किया गया है। चौंकानेवाली बात यह है कि इसमें चीन के राष्ट्रपति हु जिनताओ को दुनिया की सबसे ताकतवर हस्ती माना गया है। जिनताओ सूची में पहले नंबर पर हैं, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को दूसरे नंबर पर रखा गया है। यह आश्चर्यजनक बात है क्योंकिऔरऔर भी

भारत में अमीरी का संकेंद्रण अमेरिका और चीन से भी ज्यादा है। यहां सबसे ज्यादा अमीर 100 लोगों की संपत्ति का 50 फीसदी हिस्सा मात्र दस लोगों के हाथ में सिमटा हुआ है। चीन में यह अनुपात 38 फीसदी और अमेरिका में 32 फीसदी है। यह निष्कर्ष है फोर्ब्स इंडिया पत्रिका की ताजा रिपोर्ट का। इसका सीधा-सा मतलब यह हुआ कि भारत में लोकतंत्र के बावजूद संपत्ति का आधार विस्तृत नहीं हुआ है। इसका पता इस बातऔरऔर भी

रिलायंस के औद्योगिक साम्राज्य के बंटवारे से मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के व्यावसायिक ही नहीं, पारिवारिक रिश्तों में आई दरार भी अब मिटने लगी है। दोनों भाई सायास इसकी कोशिश में लगे हैं। इस बात का अंदाजा दोनों परिवारों की हाल की दक्षिण अफ्रीका यात्रा के दौरान साथ-साथ बिताए लमहों से लगाया जा सकता है। समाचार एजेंसी ‘भाषा’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते हफ्ते मुकेश और अनिल अंबानी ने अपने.अपने परिवारों के साथ दक्षिण अफ्रीकाऔरऔर भी

अनिल अंबानी ने मुकेश अंबानी के खिलाफ न्यूयॉक टाइम्स में 15 जून 2008 को बातचीत पर आधारित जिस लेख के आधार पर 10,000 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा किया था, उसे अखबार ने अपनी वेबसाइट पर अभी तक जस का तस रखा है। इस लेख के छठे पेज पर मुकेश के हवाले बताया गया है कि धीरूभाई के जमाने में समूह के लिए दिल्ली में लॉबिंग व जासूसी करनेवालों का पूरा नेटवर्क अनिल अंबानी देखते थे।औरऔर भी

अनिल अंबानी और बड़े भाई मुकेश अंबानी के रिश्तों में आई कड़वाहट तेजी से मिटती नजर आ रही है। इसकी ताजातरीन कड़ी यह है कि अनिल ने मुकेश अंबानी के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर 10,000 करोड़ रुपए की मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया है। अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के प्रवक्ता के इस बात की पुष्टि की और कहा कि 10,000 करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग करनेवाला मुकदमा आज, मंगलवार को वापस ले लिया गया।औरऔर भी

रिलायंस समूह अब भी शेयर बाजार का बेताज बादशाह बना हुआ है। इसलिए मुकेश और अनिल अंबानी के बीच सुलझ हो जाने के बाद पूरी उम्मीद है कि सोमवार को बाजार में तेजी का आलम रहेगा। इस बीच आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज जैसी देश की प्रमुख ब्रोकरेज व निवेश बैंकिंग कंपनी ने भी अनुमान जताया है कि इस साल बीएसई सेंसेक्स 19,000 अंक के ऊपर जा सकता है। कंपनी की सीईओ व प्रबंध निदेशक माधबी पुरी बुच का कहनाऔरऔर भी