कहते हैं कि ग्राहक भगवान होता है पर अभी कुछ समय पहले तक भारत की बीमा कंपनियों का सोचना इससे उलट था। उनके लिए पॉलिसीधारक ऐसा निरीह प्राणी होता था जो शायद परेशानी सहने के लिए अभिशप्त है। लेकिन बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (आईआरडीए या इरडा) की पहल से अब माहौल बदल चुका है। कैसी समस्याएं: अमूमन जीवन बीमा पॉलिसीधारकों को जो समस्याएं सताती हैं उनमें खास हैं – पॉलिसी बांड नहीं मिला, गलत पॉलिसी बांडऔरऔर भी

समय का अपना चक्र होता है। जो इसे पकड़ नहीं पाते, इसके हिसाब से चल नहीं पाते, वे जीवन की बहुत सारी खुशियों से महरूम रह जाते हैं। देर से सोकर उठनेवाले कभी भी सूर्योदय का आनंद नहीं उठा पाते।और भीऔर भी