अपना-पराया
2010-10-01
कोई भी घर-परिवार, देश या समाज अपना रह गया है या नहीं, इसकी एक ही कसौटी है कि वहां आप भय-मुक्त और निश्चिंत रहते हैं कि नहीं। जो आक्रांत करता है, वह अपना कैसे हो सकता है? वह तो बेगाना ही हुआ न!और भीऔर भी
कोई भी घर-परिवार, देश या समाज अपना रह गया है या नहीं, इसकी एक ही कसौटी है कि वहां आप भय-मुक्त और निश्चिंत रहते हैं कि नहीं। जो आक्रांत करता है, वह अपना कैसे हो सकता है? वह तो बेगाना ही हुआ न!और भीऔर भी
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