शुक्रवार, 16 मार्च को संसद में बजट पेश हुआ और 17 मार्च से देश भर के सर्राफा कारोबारी हड़ताल पर चले गए। हड़ताल पूरे 21 दिनों तक जारी रही। शुक्रवार, 6 अप्रैल को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के साथ मुलाकात में मिले आश्वासनों के बाद सर्राफा कारोबारियों ने हड़ताल तो तोड़ दी। लेकिन बाजार में रौनक अभी तक नहीं लौटी है। उनकी इस हालत पर बाबा नागार्जुन की एक कविता याद आती है कि, “बहुत दिनों तकऔरऔर भी

दुनिया भर में सोने की बिक्री बढ़वाने में लगी विश्व स्वर्ण परिषद का कहना है कि भारत में इस त्योहारी सीजन में सोने के जेवरात की रिटेल ब्रिकी 10 से 15 फीसदी बढ़ सकती है। परिषद के निदेशक शिवराम कुमार ने कोच्चि में संवाददाताओं से कहा कि अब तक सोने की खरीदारी शादी-ब्याह के दौरान ही की जाती थी। लेकिन अब धारणा बदल रही है। उन्होंने कहा कि हमें इस साल त्योहारी सीजन में देश भर मेंऔरऔर भी

बार-बार पलटकर हमला करना मंदड़ियों और तेजड़ियों दोनों की फितरत है। तेजड़िये तीन से चार बार बाजार को ऊपर की तरफ खींचते हैं। लेकिन खरीद से ज्यादा सप्लाई होते ही कदम पीछे खींच लेते हैं। मंदड़ियों का हमला और पीछे हटना भी इसी तरह चलता है। अभी तक मंदड़िये कामयाब रहे हैं क्योंकि राजनीतिक अस्थिरता, मुद्रास्फीति, घोटाले, भ्रष्टाचार और अधिक मूल्यांकन ने उनके लिए माकूल हालात पैदा कर रखे थे। हालांकि मंदड़ियों की कोशिश बदस्तूर जारी है।औरऔर भी

राजा की गिरफ्तारी क्या हुई, अचानक भारत के प्रति एफआईआई का प्यार उमड़ आया है। इस साल अब तक वे लगभग हर दिन बेचते रहे हैं। लेकिन आज उन्होंने 538.71 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद की है। होता है। कभी-कभी ऐसा होता है कि इंसान को अचानक हकीकत देखकर अपना रुख पलट देना पड़ता है। एफआईआई ने भी ऐसा ही किया है। वे अब कहने लगे हैं कि भारतीय बाजार में मूल्यांकन काफी आकर्षक है, इसलिए खरीदऔरऔर भी

बाजार में जिस तरह बड़े पैमाने पर चालबाजी व जोड़तोड़ चल रही है, भावों को सायास गिराया-उठाया जा रहा है, उसके रहते सही रुझान का पता लगाना बहुत मुश्किल है। फिर भी यह तो साफ दिख रहा है कि बाजार ने ऊपर की यात्रा तो फिर से शुरू कर दी है। बीएसई सेंसेक्स जहां 209.80 अंक (1.11 फीसदी) की बढ़त लेकर 19092.05 पर बंद हुआ है, वहीं एनएसई निफ्टी 69.30 अंक (1.23 फीसदी) बढ़कर 5724.05 पर पहुंचऔरऔर भी

रिलायंस इंडस्ट्रीज धीरूभाई के जमाने से ही शेयर बाजार की उस्ताद कंपनी है। शेयर बाजार के ऐसे-ऐसे खेल उसकी अंगुलियों के इशारों पर चलते हैं जिनकी हवा बड़े-बड़ों तक को नहीं लग पाती। इधर उसके शेयर 31 अगस्त को 915 तक जाने के बाद फिर से उठना शुरू हुए हैं और अब 1042.90 रुपए तक चले गए हैं। कैश सेगमेंट में बीएसई में रोजाना का औसत कारोबार 10-11 लाख शेयरों का रहता है तो एनएसई में 70-72औरऔर भी