झूठ और फरेब पर टिका है फाइनेंस, ग्राहकों का भला नहीं, करता शिकार
जिस फाइनेंस क्षेत्र का काम आम बचत को खींचकर देश के उद्योगीकरण में लगाना है, वह पूरी तरह लोगों को छलने में लगा है। शेयर बाज़ार का छल तो जगजाहिर है। लेकिन खतरनाक बात यह है कि इसमें बीमा से लेकर समूचा बैंकिंग क्षेत्र भी शामिल हो गया है। यहां तक कि सरकारी बीमा कंपनी, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कारिंदे भी किसी से कम नहीं हैं। हो सकता है कि आपको भी हाल में इसऔरऔर भी
बीमा नियामक हरिनारायण ने निजी बीमा कंपनियों को जमकर लताड़ा
देश की बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) के चेयरमैन जे हरिनारायण को निजी बीमा कंपनियों के तौर-तरीकों पर सख्त एतराज है, खास उनके वितरण के मौजूदा ढर्रे पर। उनका कहना है कि निजी बीमा कंपनियों के वितरण खर्च का करीब 75 फीसदी हिस्सा ऑनबोर्डिंग यानी लिखत-पढ़त व कागज़ी खानापूरी में चला जाता है। कंपनियां इरडा द्वारा तय मैनेजमेंट लागत की सीमा तो पार कर गई है, लेकिन कमीशन के मामले में यह सीमा तय मानक से कमऔरऔर भी
यात्रा से एक दिन पहले मिलेगा तत्काल टिकट
रेल मंत्रालय ने तत्काल यात्रा योजना के दुरुपयोग के रोकने के लिए कुछ ठोस उपाय किए हैं जो अगले हफ्ते से लागू हो जाएंगे। इसके तहत अब तत्काल योजना के तहत टिकट ट्रेन अपने मूल स्टेशन से जिस तारीख को शुरू हो रही है, उससे एक दिन पहले मिला करेंगे। मान लीजिए कोई ट्रेन कोलकाता से 18 नवंबर को शुरू हो रही है तो उसका तत्काल टिकट 17 नवंबर को देश में किसी भी जगह से सुबहऔरऔर भी
प्रीमियम देना बंद, बीमा कवर खत्म
सिंगल प्रीमियम पॉलिसी को छोड़ दें तो किसी भी जीवन बीमा पॉलिसी में जैसे ही आप प्रीमियम देना बंद करते हैं, आपका बीमा कवर खत्म हो जाता है। कंपनियां अक्सर यूलिप स्कीमों में यह बात छिपाती हैं। एजेंट कहते हैं कि पांच साल के बाद आप प्रीमियम न दें तब भी आपकी पॉलिसी चालू रहेगी। लेकिन तब आपको केवल फंड वैल्यू मिलती है और सम-एश्योर्ड शून्य हो जाता है। कोई संदेह हो तो अपने पॉलिसी दस्तावेज पढ़औरऔर भी
अपनी हैंडराइटिंग में ही भरें बीमा फॉर्म
आमतौर पर जीवन बीमा का फॉर्म हम खुद नहीं भरते। एजेंट निशान बनाकर देता है कि यहां-यहां आपको दस्तखत करने हैं और हम कर देते हैं। हम शर्तों को तो क्या, फॉर्म तक को ठीक से पढ़ने की जहमत नहीं उठाते। लेकिन यह कानूनन गलत है। कानून के मुताबिक जीवन बीमा का फॉर्म बीमाधारक की अपनी हैंडराइटिंग में भरा जाना जरूरी है। नहीं तो बीमा कंपनी इसी बात को आधार बनाकर उसका क्लेम खारिज कर सकती है।औरऔर भी
आईटीसी व कारगिल गेहूं खरीदने में जुटीं, आढ़तियों को बनाया एजेंट
अप्रैल के पहले हफ्ते से गेहूं की सरकारी खरीद चालू है। दिखाने के लिए सरकारी खरीद के लंबे-चौड़े लक्ष्य तय किए गए हैं। लेकिन सरकार इस दिशा में कुछ खास करने नहीं जा रही। गेहूं की सरकारी खरीद में एफसीआई समेत अन्य सरकारी एजेंसियां ढीला रवैया अपनाएंगी। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समेत लगभग एक दर्जन राज्यों में एफसीआई गेहूं खरीद से दूर ही रहने वाली है। ये राज्य केंद्रीय पूल वाली खरीद में नहीं आते हैं।औरऔर भी
सिन्हा ने ली म्यूचुअल फंडों की सुध, एंट्री लोड खाते से कमीशन की छूट
यू के सिन्हा ने पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी का चेयरमैन बनने के तीन हफ्ते के भीतर ही म्यूचुअल फंड उद्योग को हल्की-सी राहत दे दी है। श्री सिन्हा 18 फरवरी 2011 से सेबी के चेयरमैन बने हैं। इससे पहले वे यूटीआई म्यूचुअल फंड के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक थे। म्यूचुअल फंडों को मिली राहत 1 अगस्त 2009 को एंटी लोड पर बैन लगाने से पहले इस खाते में जमा राशि के इस्तेमाल के बारे में है।औरऔर भी