कुमारमंगलम बिड़ला और उनकी कंपनी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज पर कोयला ब्लॉक आवंटन में सीबीआई की तरफ से आपराधिक साजिश की एफआईआर दर्ज कराने के बाद पूरा कॉरपोरेट जगत तो कौआ-रोर कर ही रहा है। अब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी हिंडाल्को इंडस्ट्रीज़ को क्लीनचिट दे दी है। कमाल की बात तो यह है कि प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी इस मामले में प्रधानमंत्री के पक्ष में खड़ा है। लेकिन जांच के दायरे में आए इस मामले को किनारे रखऔरऔर भी

नई पीढ़ी या अमेरिका-यूरोप के लोग फास्टफूड के पीछे भागें तो समझ में आता है। लेकिन हमें भी सब कुछ पकापकाया पाने की चाहत लग गई है। हम भूल जाते हैं कि ये न तो कोई राजा-महाराजों का जमाना है और न ही हम कोई धन्नासेठ हैं कि जिसे भी चाहें, सेवा में लगाकर अपना काम करवा सकते हैं। अपनी बचत को संभालकर निवेश करने की कला हमें खुद ही सीखनी व विकसित करनी होगी। दूसरा कोईऔरऔर भी

आखिरकार नॉर्थ ब्लॉक में राजनीतिक गतिरोध टूटता हुआ दिख रहा है। आठ सालों बाद वित्त मंत्रालय विनिवेश का पल्लू छोड़कर पूरी तरह निजीकरण की तरफ निर्णायक कदम बढ़ा रहा है। स्कूटर्स इंडिया को बेचने का फैसला हो चुका है। राज्यों के चुनाव नतीजों ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच व कार्रवाई को लेकर सारी उहापोह खत्म कर दी है। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) इसकी जांच कर ही रही है। डीएमके को अवाम ने सत्ता से बाहरऔरऔर भी

एमआरपीएल (मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड) ने कल ही अपने तिमाही नतीजे घोषित किए हैं और ये नतीजे काफी अच्छे रहे हैं। कंपनी का 13,964 करोड़ रुपए का विस्तार कार्यक्रम भी समय से आगे चल रहा है। फिर भी उसका शेयर दो फीसदी से ज्यादा गिरकर एनएसई (कोड – MRPL) में 82.30 रुपए और बीएसई (कोड – 500109) में 82.50 रुपए पर बंद हुआ। पिछले चार महीने से वो 75 से 85 रुपए के बीच डोल रहाऔरऔर भी