शेयर बाजार को सायास गिराने में लगे लोग भले ही यह बात न मानें। लेकिन सच यही है कि अर्थव्यवस्था से सकारात्मक संकेत आने शुरू हो गए हैं। सबसे बड़ा संकेत यह है कि खाद्य वस्तुओं के थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति की दर 29 जनवरी को समाप्त सप्ताह में करीब चार फीसदी की भारी गिरावट के साथ 13.07 फीसदी पर आ गयी है। ठीक इससे पहले के सप्ताह यह 17.05 फीसदी थी। सात हफ्ते में खाद्यऔरऔर भी

लेफ्ट पार्टियों ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और एक निजी कंपनी के बीच हुए करार को ‘नया घोटाला’ करार दिया है और इस मामले की गंभीरता से जांच किए जाने की मांग की है। खबरों के मुताबिक इसरो ने बिना कोई निविदा प्रक्रिया अपनाए एस-बैंड का दुर्लभ स्पेक्ट्रम एक निजी कंपनी को आवंटित कर दिया है। सीपीएम के पॉलित ब्यूरो सदस्य सीताराम येचुरी ने राजधानी दिल्ली में संवाददाताओं के बताया, “यह एक नया मसला है। इसरोऔरऔर भी

महंगाई खासकर खाद्य मुद्रास्फीति ने सरकार को परेशान करके रख दिया है। इतना परेशान कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी झल्लाकर बोले कि मुद्रास्फीति को वश में करने के उपाय किए गए हैं, लेकिन सरकार के पास कोई जादुई चिराग नहीं है कि वह इसे फौरन नीचे ले आए। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसकी जिम्मेदारी केंद्र से हटाकर राज्यों पर डालने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि महंगाई को काबू में रखने के लिए राज्योंऔरऔर भी

प्रधानमंत्री ने कह दिया है कि अगर संसद में सामान्य कामकाज की शर्त जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) का गठन है तो वे यह शर्त मानने को तैयार हैं। बाजार के लिए यह अच्छी सूचना है। रिजर्व बैंक ब्याज दरों में वृद्धि का फैसला कल करने जा रहा है। बाजार इसके लिए तैयार है और शेयरों के मूल्य में ब्याज दरों के 0.50 फीसदी बढ़ने का असर गिन लिया गया है। अगर वृद्धि इससे कम होती है तोऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शेयर बाजार बंद होने के बाद बुधवार शाम अपने मंत्रिमंडल में कुछ अपेक्षित व कुछ अनपेक्षित फेरबदल किए। शरद पवार अब केवल कृषि मंत्री रहेंगे और खाद्य व उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय स्वतंत्र प्रभार के साथ इसी मंत्रालय के वर्तमान राज्यमंत्री के वी थॉमस को दे दिया गया है। जयपाल रेड्डी को पेट्रोलियम मंत्रालय सौंप दिया गया है, जबकि मुरली देवरा की उद्योग-प्रिय छवि को बरकरार रखते हुए उन्हें कॉरपोरेट कार्य मंत्री बनाऔरऔर भी

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन अटकलों के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की कि इस सप्ताह के आखिर में केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। सिंह से उनके आवास पर मिलने गईं सोनिया के साथ उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल भी थे। यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। प्रधानमंत्री ने सोमवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात की थी। इसे हालांकि नियमित मुलाकात बताया गया, लेकिन ऐसे संकेत हैं कि इसऔरऔर भी

खाने-पीने की चीजों के दामों में लगातार तेजी से परेशान प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं ने महंगाई को थामने के उपायों पर विचार-विमर्श के लिए आज, मंगलवार को राजधानी दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। इसलिए विचार-विमर्श का सिलसिला कल भी जारी रहेगा। सूत्रों के मुताबिक कोई नतीजा न निकलने की वजह कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार का अड़ियल रवैया रहा है। इसलिए संभव है कि सरकार अगले फेरबदल में पवार सेऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दावा है कि वैश्विक परिदृश्य की अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्तीय वर्ष में 8.5 फीसदी बढेगी, जबकि अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान सकल आर्थिक उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 9 से 10 फीसदी तक पहुंच सकती है। प्रधानमंत्री शनिवार को राजधानी दिल्ली में नौवें प्रवासी-भारतीय दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी सामाजिक विकास योजनाओं के लिएऔरऔर भी

अगर देश में कल चुनाव हो जाएं तो सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की सीटें अभी की 206 से घटकर 166 रह जाएंगी। इस तरह कांग्रेस को 40 सीटों का नुकसान उठाना पड़ेगा, जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी की सीटें अभी की 116 से 20 की बढ़त के साथ 136 हो जाएंगी। यह निष्कर्ष है एसी नीलसन और इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा कराए गए ताजा जनमत सर्वेक्षण का। यह सर्वेक्षण देश के 19 राज्यों में 4 दिसंबर से 19औरऔर भी

खाद्य मुद्रास्फीति की दर बढ़कर दस हफ्तों के शिखर पर जा पहुंची है। 18 दिसंबर को खत्म सप्ताह में यह 14.44 फीसदी दर्ज की गई है। यह वृद्धि इसलिए भी भयंकर हो जाती है क्योंकि साल भर पहले खाद्य मुद्रास्फीति 21.29 फीसदी बढ़ी थी। इसलिए यह महज तकनीकी या सांख्यिकीय मामला नहीं है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को भी यह बात स्वीकार करनी पड़ी जब उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की ऊंची दर वास्तविक है और कम आधारऔरऔर भी