कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन अटकलों के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की कि इस सप्ताह के आखिर में केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है। सिंह से उनके आवास पर मिलने गईं सोनिया के साथ उनके राजनीतिक सचिव अहमद पटेल भी थे। यह बैठक करीब दो घंटे तक चली।
प्रधानमंत्री ने सोमवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात की थी। इसे हालांकि नियमित मुलाकात बताया गया, लेकिन ऐसे संकेत हैं कि इस सप्ताह के आखिर में यूपीए सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि सिंह इस अवसर का उपयोग मंत्रिमंडल में युवा चेहरे शामिल करने में कर सकते हैं। शरद पवार और कपिल सिब्बल जैसे मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालयों का प्रभार है। समझा जाता है कि उनसे कुछ मंत्रालय लिए जाएंगे। मंत्रिमंडल में ए राजा, पृथ्वीराज चव्हाण और शशि थरूर के इस्तीफे के बाद कुछ पद रिक्त भी हैं। फेरबदल का मुख्य उद्देश्य इन रिक्तियों को भरना बताया जाता है।
कांग्रेस में आम राय है कि वित्त, गृह, रक्षा और विदेश मंत्रालय जैसे बड़े मंत्रालयों को यथावत रहने दिया जाएगा। लेकिन वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा की जगह किसी और को लाया जा सकता है। असल में न तो उनके कामकाज और न ही टीम भावना को सही माना जा रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को वाणिज्य राज्यमंत्री होने के बावजूद शर्मा ने किनारे कर रखा है।
शरद पवार से खाद्य मंत्रालय की छिनना लगभग तय है। उनके पास अभी कृषि, खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय हैं। पहले भी वे खुद अपना भार कम करने की इच्छा जता चुके हैं। इसी तरह सिब्बल के पास मानव संसाधन विकास मंत्रालय, दूरसंचार और विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय हैं। हो सकता है कि वह विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय छोड़ दें। कहा जाता है कि वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपने पास रखना चाहते हैं जिसमें उन्होंने कुछ सुधारों की शुरूआत की है और जिन्हें वह आगे बढ़ाने के इच्छुक हैं।