अगर देश में कल चुनाव हो जाएं तो सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी की सीटें अभी की 206 से घटकर 166 रह जाएंगी। इस तरह कांग्रेस को 40 सीटों का नुकसान उठाना पड़ेगा, जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी की सीटें अभी की 116 से 20 की बढ़त के साथ 136 हो जाएंगी। यह निष्कर्ष है एसी नीलसन और इंडिया टुडे पत्रिका द्वारा कराए गए ताजा जनमत सर्वेक्षण का।
यह सर्वेक्षण देश के 19 राज्यों में 4 दिसंबर से 19 दिसंबर के दौरान किया गया। इसमें कुल 12,349 मतदाताओं से बात की गई। इसमें से 44 फीसदी लोगों से माना कि हाल के घोटालों से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की साफ-सुधरी धूमिल हुई है। गरीब तबकों में कांग्रेस की लोकप्रियता 3 फीसदी घट गई है। लेकिन सर्वेक्षण में शामिल 42 फीसदी लोगों से माना कि 2014 के आम चुनावों में कांग्रेस फिर से सत्ता में आ जाएगी।
43 फीसदी लोगों ने यह भी माना कि घोटालों के चलते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की छवि खराब हुई है। जनवरी 2006 में जहां 27 फीसदी लोग मानते थे कि सोनिया गांधी प्रधानमंत्री पद के लिए सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति हैं, वहीं अब ऐसा माननेवालों का अनुपात 8 फीसदी घटकर 19 फीसदी रह गया है। हालांकि अब भी उन्हें सत्ता का सबसे मजबूत स्तंभ माना गया है, लेकिन उनकी लोकप्रियता में काफी सेंध लगी है।
दूसरी तरफ 2जी स्पेक्ट्रम घोटालों के मुद्दे पर संसद न चलने देने में अहम भूमिका निभानेवाले विपक्षी दल बीजेपी की अभी की चुनाव संभावनाएं थोड़ी बेहतर नजर आ रही हैं। जनमत सर्वेक्षण से पता चला है कि अगर देश में कल आम चुनाव हो जाएं तो बीजेपी की सीटों में 20 का इजाफा हो जाएगा। असल में पिछले दिनों जिस तरह एक के एक घोटाले सामने आए हैं, उसके बाद कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव तय समय से पहले भी हो सकते हैं।
घोटालों के उजागर होने का सिलसिला राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में भ्रष्टाचार से शुरू हुआ। उसके बाद 2जी स्पेक्ट्रम पर सीएजी की रिपोर्ट आ गई जिसमें कहा गया कि गलत आवंटन से देश के खजाने को 1.76 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इसके बाद अभी कुछ दिन पहले ही 25 साल पुराने बोफोर्स कांड को फिर से उखाड़ दिया गया है। प्रत्यक्ष रूप से आयकर अपीली ट्राइब्यूनल ने यह मुद्दा फिर से उभारा है। लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि कांग्रेस ने ही इसे लोगों का ध्यान 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से हटाने के लिए उभारा है। वैसे, कांग्रेस महासचिव दिंग्विजय सिंह भी बोफोर्स के भूत को फिर से जिंदा करने के पीछे कोई साजिश देखते हैं।