केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो वे सिर्फ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद ही 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मुद्दे पर वित्त मंत्रालय के नोट पर कुछ बोलेंगे। वित्त मंत्री कल बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलनेवाले हैं। प्रणब ने मंगलवार को कोलकाता में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं वही दोहरा रहा हूं जो मैंने न्यूयॉर्क और दिल्ली में कहा। यदि आरटीआई आवेदन के जरिए हासिल किएऔरऔर भी

केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम हर तरफ से घिर गए हैं। लेफ्ट से लेकर राइट तक उनके इस्तीफे और 2जी घोटाले में उनकी भूमिका की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। सूचना अधिकार के तहत हासिल वित्त मंत्रालय द्वारा इसी साल मार्च में प्रधानमंत्री को लिखे हुए उस पत्र से बवाल मचा हुआ है जिसमें कहा गया है कि तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम चाहते तो पहले आओ पहले पाओ की नीति पर 2जी स्पेक्ट्रम काऔरऔर भी

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश में हर तरफ फैले भ्रष्टाचार को आर्थिक उदारीकरण व सुधारों का नतीजा मानने के बजाय नैतिक ताने-बाने से जुड़ी समस्या करार दिया है। लेकिन आईआईटी खड़गपुर के छात्रों ने उनके हाथ से डिग्री लेने से इनकार कर खुद उनकी नैतिकता पर सवालिया निशान लगा दिया है। प्रधानमंत्री ने सोमवार को कोलकाता में भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार आम आदमी के रोजमर्रा केऔरऔर भी

ऐसा कोई संवैधानि‍क दर्शन या सि‍द्धांत नहीं है, जि‍ससे कानून बनाने के लि‍ए मात्र संसद को मि‍ले वि‍शेषाधि‍कार पर सवाल उठाने की किसी को अनुमति‍ दी जा सकती हो। लोकपाल पर कानून बनाने की प्रक्रि‍या में सरकार ने निर्धारित सि‍द्धांतों का पालन कि‍या है। लेकिन अण्णा हज़ारे इन्‍हीं सि‍द्धांतों पर सवाल उठा रहे हैं और समझते हैं कि‍ उन्‍हें अपना जन लोकपाल वि‍धेयक संसद पर थोपने का अधि‍कार है। यह कहना है प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का। उन्होंनेऔरऔर भी

भारत का लोक करवट बदल रहा है। लोकतंत्र नई शक्ल में ढलने को बेताब है। उत्तर से लेकर दक्षिण और पूरब से लेकर पश्चिम तक लोग एक भाषा में बोल रहे हैं – अण्णा तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं। सच्चे लोकतंत्र की ख्वाहिश इंडिया गेट से लेकर आजाद मैदान और सड़कों व गली-कूचों तक नारे बनकर निकल रही है। नौजवान शेर की तरह दहाड़ रहे हैं, जबकि सरकार भीगी बिल्ली या बकरी बनी मिमियाती नजरऔरऔर भी

डॉ. दुव्वरि सुब्बाराव अब 2013 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर बने रहेंगे। उनका तीन साल का मौजूदा कार्यकाल अगले महीने 5 सितंबर को पूरा हो रहा था। कहा जा रहा था कि उनकी जगह किसी और को लाया जा सकता है। लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को सारी उहापोह को दूर करते हुए डॉ. सुब्बाराव का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया। मजे की बात यह है कि ये फैसला डॉ. सुब्बाराव के जन्मदिन 11औरऔर भी

लोकसभा में मुद्रास्फीति या महंगाई पर बहस जारी है। उम्मीद है कि गुरुवार को एक प्रस्ताव पारित कर मुद्रास्फीति पर चिंता जताई जाएगी और सरकार से कहा जाएगा कि वह कीमतों पर काबू पाने के लिए कुछ और कदम उठाए। लेकिन बुधवार को सांसदों ने महंगाई के मसले पर जिस तरह शब्दों की तीरंदाजी दिखाई है, उसने साबित कर दिया है कि हमारे सांसद आर्थिक मामलों में कितने ज्यादा निरक्षर हैं। वह भी महंगाई जैसे मसले परऔरऔर भी

यूपीए सरकार ने काले धन पर सिविल सोसायटी से लेकर राजनीतिक दलों व आम लोगों के चौतरफा हमले से बचने की कोशिशें तेज कर दी हैं। गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मौजूदा बेनामी सौदा (निषेध) कानून, 1988 की जगह नया कानून लाने के लिए बेनामी सौदा (निषेध) विधेयक, 2011 को मंजूरी दे दी गई। अब इस विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा और वहां से पारित होते ही राष्ट्रपतिऔरऔर भी

जयराम रमेश ने ग्रामीण विकास मंत्रालय का पदभार संभालते ही जमीन के विस्फोटक मुद्दे को हाथ लगा दिया है। उन्होंने कहा है कि भूमि अधिग्रहण विधेयक का मसौदा अगले हफ्ते के मध्य तक बहस के लिए पेश कर दिया जाएगा और इसके बाद 1 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र में इसे संसद के पटल पर रख दिया जाएगा। सारा देश इस बात से वाकिफ है कि जमीन का मसला उड़ीसा से लेकर पश्चिम बंगाल औरऔरऔर भी

मंगलवार को गिरते बाजार में भी हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (एचसीसी) के शेयर तब 4.54 फीसदी उछल गए जब पता चला कि जयराम रमेश को पर्यावरण मंत्रालय से हटा दिया गया है। साथ ही दस रुपए अंकित मूल्य से भी नीचे जा चुके बीएजी फिल्म्स के शेयर भी 10 फीसदी उछल गए जब पता चला कि उसके कर्ता-धर्ता राजीव शुक्ला को मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया है। जयराम रमेश पर्यावरण के मसले पर किसीऔरऔर भी