सरकार चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश से 40,000 करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य को नीचे ला सकती है। केंद्रीय विनिवेश सचिव मोहम्मद हलीम खान ने सोमवार को मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह इशारा किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार शेयर बाजार में चल रही उछल-पुछल के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित विनिवेश लक्ष्य को घटाने पर विचार कर रही है, तब उनका कहना था, “यहऔरऔर भी

सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश से हुई अब एक लाख करोड़ रुपए के ऐतिहासिक आंकड़े के पार होने जा रही है। इस हफ्ते 10 मई को खुल रहे पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) के साथ सरकार यह आंकड़ा हासिल कर लेगी। पीएफसी के एफपीओ के जरिए सरकार अपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री करेगी, जिससे उसे 1100 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा कंपनी के 15 फीसदी नएऔरऔर भी

पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉरपोरेशन (आरईसी) दोनों सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हैं। कल गिरते हुए बाजार में भी पीएफसी और आरईसी के शेयर बीएसई में थोड़ा-थोड़ा बढ़कर क्रमशः 294.75 रुपए और 277.90 रुपए पर बंद हुए हैं। एनएसई में पीएफसी का बंद भाव 296.90 रुपए और आरईसी का बंद भाव 277.65 रुपए रहा है। इन दोनों ही शेयरों में एक खास किस्म की चाल नजर आ रही है। पीएफसी ने तो इसी 1 जूनऔरऔर भी