40,000 करोड़ के विनिवेश लक्ष्य को घटा सकते हैं

सरकार चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश से 40,000 करोड़ रुपए जुटाने के लक्ष्य को नीचे ला सकती है। केंद्रीय विनिवेश सचिव मोहम्मद हलीम खान ने सोमवार को मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह इशारा किया।

जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार शेयर बाजार में चल रही उछल-पुछल के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के लिए निर्धारित विनिवेश लक्ष्य को घटाने पर विचार कर रही है, तब उनका कहना था, “यह कहना मुश्किल है कि वर्तमान लक्ष्य जस का तस रहेगा या इसे बदल दिया जाएगा।”

बता दें कि एक तिमाही बीत जाने के बाद सरकार 40,000 करोड़ रुपए के लक्ष्य में से केवल 1144 करोड़ रुपए पावर फाइनेस कॉरपोरेशन के एफपीओ (फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर) से जुटा सकी है। खान ने कहा कि सरकार हालात पर नजर रखे हुए है। विनिवेश के लिए कुछ कंपनियां छांटी जा चुकी हैं। लेकिन यह कह पाना मुश्किल है कि उनका विनिवेश कब तक हो पाएगा। इसके लिए प्रोफेशनल सलाहकारों से बातचीत जारी है।

गौरतलब है कि सरकार की योजना ओएनजीसी, सेल व हिदुस्तान कॉपर के एफपीओ से करीब 15,000 करोड़ रुपए जुटाने की है। इसके अलावा राष्ट्रीय इस्पात निगम (आरआईएनएल), एमएमटीसी और नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) का इश्यू लाने भी तैयारी कर ली गई है।

बीते वित्त वर्ष 2010-11 में सरकार ने विनिवेश से कुल 22,763 करोड़ रुपए जुटाए थे, जबकि तब भी लक्ष्य 40,000 करोड़ रुपए का था। लेकिन 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से काफी ज्यादा रकम मिल जाने से सरकार को कोई हड़बड़ी नहीं थी। लेकिन इस बार राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के लिए विनिवेश कार्यक्रम को सफल बनाना जरूरी है। बीते साल सरकार ने एसजेवीएन, इंजीनियर्स इंडिया, कोल इंडिया, पावरग्रिड और शिपिंग कॉरपोरेशन के नए-पुराने शेयर बेचे थे।

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