पीएफसी और आरईसी में बहता करंट

पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) और रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉरपोरेशन (आरईसी) दोनों सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां हैं। कल गिरते हुए बाजार में भी पीएफसी और आरईसी के शेयर बीएसई में थोड़ा-थोड़ा बढ़कर क्रमशः 294.75 रुपए और 277.90 रुपए पर बंद हुए हैं। एनएसई में पीएफसी का बंद भाव 296.90 रुपए और आरईसी का बंद भाव 277.65 रुपए रहा है। इन दोनों ही शेयरों में एक खास किस्म की चाल नजर आ रही है। पीएफसी ने तो इसी 1 जून को 299.35 रुपए पर 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर हासिल किया है। आरईसी ने भी इससे एक दिन पहले 31 मई को 294.70 का उच्चतम स्तर छुआ है।

ये दोनों ही एनबीएफसी कारोबार से ताल्लुक रखती हैं। देश में चल रही तमाम बिजली परियोजनाओं का वित्त पोषण इनका काम है। फायदा जमकर कमा रही हैं। वित्त वर्ष 2009-10 में पीएफसी का शुद्ध लाभ 26 फीसदी और आरईसी का शुद्ध लाभ 45 फीसदी बढ़ा है। इस दौरान पीएफसी ने 8002.10 करोड़ रुपए की आय पर 2355.27 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है और उसकी प्रति शेयर कमाई (ईपीएस) 20.52 रुपए है। इस लिहाज से उसका मौजूदा पी/ई अनुपात 14.36 का है। कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 89.78 फीसदी है, जबकि उसके 3.81 फीसदी शेयर एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशकों) और 3.31 फीसदी शेयर घरेलू निवेशक संस्थाओं (डीआईआई) के पास हैं।

इसी तरह 2009-10 में आरईसी ने 6549.76 करोड़ रुपए की आय पर 2001.42 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है और उसकी ईपीएस 23.06 रुपए है। इस तरह उसका मौजूदा पी/ई अनुपात 12.05 का है। पीएफसी और आरईसी दोनों की ऑर्डर बुक काफी बेहतर स्थिति में है। ऊपर से बिजली ऐसा क्षेत्र है जिसमें आगे नई-नई परियोजनाएं आनी ही हैं। इसलिए इन दोनों कंपनियों का धंधा बढ़ना ही है। कंपनी की इक्विटी में सरकार का हिस्सा 66.80 फीसदी है, जबकि एफआईआई के पास उसके 17.83 फीसदी और डीआईआई के पास 6.84 फीसदी शेयर हैं।

कुल मिलाकर ये दोनों ही कंपनियां दूरगामी यानी कम से कम दो-तीन साल के निवेश के लिए काफी माफिक हैं और 40-50 फीसदी रिटर्न दे सकती हैं। इनमें से आरईसी थोड़ी बेहतर स्थिति में है। पीएफसी का आईपीओ जनवरी 2007 में 85 रुपए पर आया था। आरईसी का एफपीओ इसी साल फरवरी में 203 रुपए प्रति शेयर के मूल्य पर आया था। साफ है कि दोनों कंपनियों ने अभी तक निवेशकों को काफी अच्छा रिटर्न दिया है। इन्होंने लगातार कई सालों से लाभांश भी अच्छा दिया है।

आखिर में बर्जर पेंट्स की बात। हमने 13 मई को जब इस शेयर की चर्चा की थी, तब बीएसई में इसका भाव 60.85 रुपए था। सोमवार को यह 3.59 फीसदी गिरने के बाद 68.50 रुपए पर बंद हुआ है। फिर भी एक महीने से भी कम समय में इसने निवेशकों को करीब 13 फीसदी का रिटर्न दिया है। बाजार के कुछ लोगों का कहना है कि यह अभी 75-78 रुपए तक जा सकता है।

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