निश्चित तौर पर बाजार इस समय खुद को जमा रहा है क्योंकि तमाम मिड कैप स्टॉक्स अब पलटकर उठने लगे हैं। निश्चित तौर पर बाजार इस समय खुद को जमा रहा है क्योंकि तमाम मिड कैप स्टॉक्स अब पलटकर उठने लगे हैं। साथ ही बहुत से मिड कैप व स्मॉल कैप स्टॉक्स भी काफी संभावना दिखा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू), फर्टिलाइजर और अब यहां तक कि चीनी जैसे क्षेत्रों में भी तेजी की दिपदिपऔरऔर भी

बाजार में 11 बजे से 12.45 बजे तक का विशेष ट्रेडिंग सत्र। पौने दो घंटे का कारोबार। बाजार लगभग सपाट। निफ्टी व सेंसेक्स में मामूली गिरावट। लेकिन फर्टिलाइजर कंपनियों के शेयर सब्सिडी की खबर के चलते उछल गए। लेकिन उनकी यह उठान समय के साथ थम जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में हमने पिछले हफ्ते के शुरू में ही खरीद की सलाह दी थी और हमने जो कहा था, उसे हासिल कर लिया है। शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफऔरऔर भी

सरकार के पास सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की हिस्सेदारी बेचकर धन जुटाने के लिए बस 60 दिन और बचे हैं। चूंकि प्रवर्तकों का हिस्सा नीलामी के जरिए बेचने के लिए सरकार ने स्टॉक एक्सचेंजों में विशेष विंडो खोलने की घोषणा की है, इसलिए विनिवेश की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। वैसे, अगले 60 दिनों के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की तरफ से धड़ाधड़ लाभांश की घोषणा होनी है। हमारा अभी के लिए चुनाऔरऔर भी

शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई), भारत सरकार की महारत्न कंपनी। साल भर पहले उसका शेयर दहाड़ रहा था। 6 अक्टूबर 2010 को 202.50 रुपए की अट्टालिका पर था। लेकिन बीते हफ्ते शुक्रवार 30 सितंबर से सरकारी खबरों के आधार पर उसे ऐसा धुना जा रहा है कि कल 3 अक्टूबर को वह 74.50 रुपए की घाटी में जा गिरा। पिछले एक महीने में इसे 91.60 रुपए से 18.66 फीसदी तोड़कर 74.50 रुपए तक ले आया गया है।औरऔर भी

मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मंदड़ियों ने पीछे भारी धक्का खाने के बावजूद अभी तक कोई सबक नहीं सीखा है। शॉर्ट सौदे करना उनका शौक बन गया है। टाटा स्टील में पैंट उतर जाने के बाद अब वे एसबीआई पर हाथ आजमा रहे हैं और उन्हें लगता है कि यह शॉर्ट सेल के लिए सबसे अच्छा काउंटर है। उनका साफ-साफ तर्क यह है कि एसबीआई का स्टॉक 2950 रुपए के भाव परऔरऔर भी

रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड (आरएनआरएल) का विलय रिलायंस पावर में होगा। अनिल अंबानी समूह की इन दोनों कंपनियों की तरफ से शेयर बाजार बंद होने के बाद जारी बयान में बताया गया है कि इस सिलसिले में उनके निदेशक बोर्डों की अलग-अलग बैठक रविवार, 4 जुलाई को होगी। इसमें आरएनआरएल के रिलायंस पावर में विलय को मंजूरी दी जाएगी। लेकिन बाजार में इसकी सुगबुगाहट पहले ही शुरू हो गई थी। इसके चलते रिलायंस पावर के शेयर मेंऔरऔर भी

हफ्ते की शुरुआत अर्थव्यवस्था की एक बड़ी तस्वीर के साफ होने, पारदर्शिता से हो रही है। आज सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीपीडी) के आंकड़े पेश करनेवाली है। यह अर्थव्यवस्था ही नहीं, पूरे बाजार के लिए बहुत अहम जानकारी है। निफ्टी में काफी शॉर्ट सौदे हो रखे हैं। इनकी कवरिंग के चलते बाजार शुरुआत में बढ़ सकता है। कुछ रिसर्च आधारित तहकीकात के बाद इस हफ्ते के लिए चार शेयरों की शिनाख्त की गई है। ये शेयर हैंऔरऔर भी

मैं भी दुनिया के दूसरे विशेषज्ञों से इत्तेफाक रखता हूं कि मंदड़ियों की रैली तेजड़ियों की रैली से ज्यादा दमदार होती है। लेकिन मैं उनकी इस बात से सहमत नहीं हूं कि बाजार अभी मंदड़ियों की गिरफ्त में है। मैं यूरोपीय संकट, अमेरिकी बाजार, भारतीय बाजार और इनको संचालित करनेवाले मूल कारकों से भलीभांति वाकिफ हूं। और, सब कुछ देखने-परखने के बाद भी इस बात पर कायम हूं कि बाजार अभी नई ऊंचाई पर जाएगा। हालांकि यहऔरऔर भी

मार्क मोबियस का यह कहना मेरे लिए बड़ा सुकून भरा रहा कि वे पिछले एक महीने से ब्रिक (ब्राजील, रूस, भारत व चीन) देशों में खरीदारी कर रहे हैं। मुझे तसल्ली हुई कि कम से कम मेरा एक चाहनेवाला खुल्लम-खुल्ला मान रहा है कि अनिश्चितता का दौर बाजार में खरीदारी का सबसे अच्छा वक्त होता है। निफ्टी जब 5000 या 5050 अंक पर था, तभी हमने अनुमान जताया था कि वैश्विक संकट के चलते यह 4850 तकऔरऔर भी

कल का दिन ऐसा था जब ट्रेडर बाजार बंद होने के आधा घंटा पहले तीन बजे तक शॉर्ट सेलिंग करते रहे। लेकिन आखिरी आधे घंटे में उन्हें शॉर्ट कवरिंग करनी पड़ी और एक तरह से निफ्टी को 5200 अंक के ऊपर पहुंचाने में उनका भी योगदान रहा। इसके बाद थोड़ा दम लेना जरूरी था, वह आ हो गया। लेकिन इसे असली कूल-ऑफ या दम लेना नहीं कह सकते क्योंकि नए शॉर्ट सौदे होते जा रहे हैं। ज्यादातरऔरऔर भी