सरकार के पास सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की हिस्सेदारी बेचकर धन जुटाने के लिए बस 60 दिन और बचे हैं। चूंकि प्रवर्तकों का हिस्सा नीलामी के जरिए बेचने के लिए सरकार ने स्टॉक एक्सचेंजों में विशेष विंडो खोलने की घोषणा की है, इसलिए विनिवेश की योजना ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। वैसे, अगले 60 दिनों के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की तरफ से धड़ाधड़ लाभांश की घोषणा होनी है।
हमारा अभी के लिए चुना हुआ सर्वश्रेष्ठ स्टॉक है शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई)। इसकी प्रति शेयर बुक वैल्यू 153.89 रुपए है, जबकि मौजूदा बाजार भाव चल रहा है 52.20 रुपए। कंपनी के पास प्रति शेयर कैश 50 रुपए से ज्यादा है। वो ज्यादा लाभांश देने की आदर्श स्थिति में है। कंपनी आमतौर पर दस रपए के शेयर पर 5.50 रुपए (55 फीसदी) का लाभांश देती रही है जो इस साल सरकार के धन जुटाने के कार्यक्रम के चलते दोगुना हो सकता है।
यह शेयर 2 जनवरी 2012 में 46.60 रुपए पर अब तक सबसे निचला स्तर पकड़ चुका है क्योंकि कंपनी को पिछली तीन तिमाहियों से घाटा हो रहा है। लेकिन उसने अब घाटा देनेवाली आस्तियां बेच दी हैं। इसलिए उसका घाटा कम होगा और इस तिमाही से वह लाभ में आ सकती है ताकि ऊंचे लाभांश को जायज ठहराया जा सके। यह स्टॉक आनेवाले हफ्तों में आपको 30 फीसदी बढ़त दिला जा सकता है। इसे डिलीवरी के लिए खरीद लें क्योंकि इसका सबसे बुरा वक्त अब बीत चुका है।
जहां तक निफ्टी की बात है तो वह चौराहे पर खड़ा है। कल वह 4750 के करीब डटा रहा रहा और 4782 की ऊंचाई तक चला गया। आज यह न तो 4750 से बहुत नीचे गया और न ही 4800 के ऊपर। बंद हुआ 4749.95 पर। बाजार के लोगों को शनिवार को खास हलचल की उम्मीद है क्योंकि इस बार शनिवार को ट्रेडिंग चालू रहेगी। कहा जा रहा है कि शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद कुछ अनपेक्षित घोषणा हो सकती है। बाजार में इस तरह की अफवाहें भी चल रही हैं कि सोमवार से बड़े पैमाने पर गिरावट की शुरुआत हो सकती है।
इसलिए अपनी पहल, सोच व सक्रियता को संतुलित बनाए रखें। 4850 के ऊपर जाने पर निफ्टी 5250 तक जा सकता है और खुदा-न-खास्ता यह 4710 से नीचे चला गया तो फिर से ढुलककर 4550 तक जा सकता है। अपना रुख व नजरिया इसी के हिसाब से तय करें। वैसे, तमाम ऑपरेटर कुछ बड़े धूम-धड़ाक की तैयारी करते दिख रहे हैं।
खुशी के एक भी पल को हाथ से न जाने दें। प्यार करें और प्यार पाएं। इस दुनिया का इकलौता सच यही है। बाकी सब झूठ है, छल है, माया है।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं पड़ना चाहता। इसलिए अनाम है। वह अंदर की बातें आपके सामने रखता है। लेकिन उसमें बड़बोलापन हो सकता है। आपके निवेश फैसलों के लिए अर्थकाम किसी भी हाल में जिम्मेदार नहीं होगा। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का कॉलम है, जिसे हम यहां आपकी शिक्षा के लिए पेश कर रहे हैं)