अब दम मारने का वक्त नहीं बचा

कल का दिन ऐसा था जब ट्रेडर बाजार बंद होने के आधा घंटा पहले तीन बजे तक शॉर्ट सेलिंग करते रहे। लेकिन आखिरी आधे घंटे में उन्हें शॉर्ट कवरिंग करनी पड़ी और एक तरह से निफ्टी को 5200 अंक के ऊपर पहुंचाने में उनका भी योगदान रहा। इसके बाद थोड़ा दम लेना जरूरी था, वह आ हो गया। लेकिन इसे असली कूल-ऑफ या दम लेना नहीं कह सकते क्योंकि नए शॉर्ट सौदे होते जा रहे हैं। ज्यादातर बाजार वालों का मानना है कि कल की रैली उतनी टिकाऊ व दमदार नहीं थी।

ऐसे में अब तो यही लग रहा है कि तेजड़िए फिर से जोर लगाएंगे। यह सेटलमेंट निफ्टी के 5700 के स्तर पर जाने की राह खोल चुका है। यह स्तर या तो मई में हासिल कर लिया जाएगा या जून के सेटलमेंट में। लेकिन इसका होना निश्चित है। इस दौरान बाजार में गिरावट आने पर जो लोग नई खरीद करते रहेंगे, वे निफ्टी के 6400 तक पहुंचने तक मुनाफा कमाते रहेंगे। लेकिन इस बीच जो ट्रेडर बाजार को इधर या उधर ‘टाइम’ की कोशिश करेंगे, वे यकीनन घाटा खाएंगे।

मैंने आपको पिछले हफ्ते ही बता दिया था कि यूरोप की समस्या भारत के लिए बड़ी सकारात्मक है। अब खुद वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ऐसा कह रहे हैं। खैर, मुझे तो अब भी लगता है कि आप टीवी स्क्रीन पर लिखी बातों के पीछे ही ज्यादा भागते हैं और रिसर्च या फंडामेंटल पर आपका भरोसा अभी तक जमा नहीं है।

आईएफसीआई धमाका करने को तैयार है। उसकी इक्विटी बेचने की नीलामी प्रक्रिया जल्दी ही शुरू होनेवाली है और इसी के साथ यह शेयर कुलांचे मारने लगेगा। नॉर्थ ब्लॉक (वित्त मंत्रालय) के लोगों ने इस पर मन बना लिया है, यह बात मैं फिलहाल अच्छी तरह जानता हूं।

एक और सरकारी कंपनी, एससीआई (शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) अपनी इक्विटी विनिवेश के अगले चरण से पहले उदार बोनस शेयर और भारी लाभांश की घोषणा करनेवाली है। इसकी मौजूदा बुक वैल्यू 150 रुपए है। यह इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) की तरह चमचमा सकती है। वैसे, भारत सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से ऑन-रिकॉर्ड कह चुकी है कि वे जहां भी संभव हो, बोनस की घोषणा करें, अच्छा लाभांश दें और शेयरों का विभाजन करें। एससीआई की बात मैं नॉर्थ ब्लॉक के सूत्रों के हवाले कह रहा हूं। फिर भी मेरा अनुरोध है कि निवेश के फैसले से पहले आप अपने स्तर पर कायदे से देख-परख लें।

बाजार में एक करेक्शन की दरकार थी और वह हो चुका है। अब बाधा दूर हो गई है। यूरोप का संकट किसी भी रूप में भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक सकता। सच कहें तो भारतीय बाजार में बड़े पैमाने पर शॉर्ट सौदे हुए पड़े हैं और अब तेजड़िए अपना असली रंग दिखाएंगे। यह एकदम तय है। अभी तक वे बाजार के ड्राइवर की सीट पर हैं क्योंकि मंदड़ियों के हाथ से बाजी सरक चुकी है और वे बाजार के चक्र की निचली कड़ी पर फंस गए हैं।

समझदार व्यक्ति अपने फैसले सिर्फ इस आधार पर नहीं करता कि अभी के हालात क्या हैं, बल्कि वह यह भी आंकता है कि हालात कल कैसे होने जा रहे हैं।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। यह कॉलम मूलत: सीएनआई रिसर्च से लिया जा रहा है)

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