चाहे तो रिवॉर्ड प्वाइंट देना कभी भी बंद कर सकती है स्पीक एशिया

जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम और स्पीक एशिया में क्या समानता है? दोनों का वकील एक है और इनका नाम है – अशोक सरावगी। खैर, ऐसा होना आम बात है। सरावगी ने तो आमिर अजमल कसाब का भी एडवोकेट बनने की पेशकश की थी। खास बात यह है कि पिछले हफ्ते शुक्रवार, 20 मई को सरावगी ने मुंबई में स्पीक एशिया की तरफ से एक प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें उन्होंने कहा कि स्पीक एशिया अपने पैनलिस्ट को सर्वे भरने पर रिवॉर्ड प्वाइंट अतिरिक्त लाभ के रूप में दे रही है, जिसे वो क्लाएंट के साथ कांट्रैक्ट खत्म होने पर कभी भी वापस ले सकती है।

कमाल की बात यह है कि इस प्रेस कांफ्रेंस में स्पीक एशिया का कोई भी प्रतिनिधि मौजूद नहीं था और मीडिया के सारे सवालों के जबाव उसके कानूनी सलाहकार अशोक सरावगी ही देते रहे। सरावगी का स्पष्ट कहना था कि स्पीक एशिया पैनलिस्ट को सर्वे भेजना और इस तरह रिवॉर्ड प्वाइंट्स के जरिए धन देना कभी भी बंद कर सकती है। यह कोई बाध्यता नहीं हैं, बल्कि उसकी मर्जी पर निर्भर करता है। सरावगी के शब्दों में, “कंपनी पैनलिस्ट को कोई सर्वे नहीं बेचती, बल्कि वो तो सब्सक्राइबरों को ई-जीन (e-zine) भेजती है। सर्वे अतिरिक्त लाभ के रूप में दिए जाते हैं। अगर क्लाएंट्स के साथ कंपनी का अनुबंध खत्म होता है तो इन्हें (सर्वे) किसी भी वक्त वापस लिया जा सकता है।”

उनका कहना था कि स्पीक एशिया अपनी मैगजीन इंटरनेट के जरिए बेच रही है। कंपनी पब्लिकेशन के बिजनेस में है और वो सर्वे से जुड़ी अपनी पत्रिका भारत में मौजूदा कानूनों के तहत इंटरनेट से बेच सकती है। सर्वे बिजनेस के लिए उसके पास 50-60 क्लाएंट हैं। हालांकि क्लाएंट के नामों को लेकर काफी समय से परदादारी और बवाल चल रहा है। 16 मई को स्पीक एशिया के किसी भी प्रतिनिधि ने प्रेस कांफेंस में क्लाएंटों के नाम नहीं बताए थे और मीडिया से यहां तक कहा था कि अगर वो उनसे नॉन डिस्क्लोजर एग्रीमेंट करें, तभी वे इनके नाम बता सकते हैं।

इस बीच इस तरह की भी उड़ती-उड़ती खबरें चली हैं कि स्पीक एशिया की मालिक पोडियम रिंग इंटरनेशनल नाम की कंपनी है जो वर्जिन आइलैंड में पंजीकृत है। अभी तक यही माना जाता रहा है कि स्पीक एशिया की कर्ताधर्ता सिंगापुर की अनिवासी भारतीय हरेन्द्र कौर हैं। वैसे कंपनी के वकील अशोक सरावगी का कहना था कि स्पीक एशिया की अधिकांश इक्विटी हिस्सेदारी हरेन्द्र कौर के परिवार के पास है और भारत में उसके सीईओ मनोज कुमार भी इसके मालिकाने में हिस्सेदार हैं। हरेन्द्र कौर संक्षेप में खुद को हरेन भी लिखती है।

सरावगी ने जब यह पूछा गया कि आप कह रहे हैं कि स्पीक एशिया का मुख्य उत्पाद ई-जीन है और सर्वे व अन्य गतिविधियां साइड-प्रोडक्ट हैं, लेकिन कंपनी की वेबसाइट कहती है कि वह सर्वे कंपनी है तो सरावगी का कहना था – जिसमें ज्यादा पैसा मिलता है वही दिखाते हैं। अभी स्पीक एशिया अपनी ऑनलाइन पत्रिका का सब्सक्रिप्शन कैंसल करवाने पर पैसे नहीं लौटाती, लेकिन सरावगी ने कहा कि वे स्पीक एशिया से हफ्ते भर में कह देंगे कि वो सब्सक्रिप्शन को निरस्त करने की इजाजत दे दे।

बता दें कि स्पीक एशिया किसी को अपना स्टैंडर्ड पैनलिस्ट बनाने के लिए ‘ऑनलाइन सर्वेज टुडे ई-बुलेटिन’ के 26 अंकों के सब्सक्रिप्शन के रूप में 120 डॉलर (5434 रुपए) और प्रीमियम पैनलिस्ट बनाने के लिए 52 अंकों के सब्सक्रिप्शन के नाम पर 220 डॉलर (9962 रुपए) लेती है। यह सूचना उसकी वेबसाइट पर रजिस्टर करने की शर्तों में दी गई है। (रुपए की विनियम दर: 1 डॉलर = 45.28 रुपए)

6 Comments

  1. So what is wrong in that, we all know as a speakasia panalest that we have actually paid for the ezine, not for the surveys. Why is the media against speakasiaonline? . As a panalest i dont have any complaints against my company, so what problem does media have?

  2. Dear friends

    I respected for the sir just told 1poin. Hum 20lakh logo ko aag sirf speakaisa valene rojgari de he or Goverment ne nahi to kyo speakasia ke peche pade hueho. jub Hum logo ko rojgari goverment ne nhi de kyoki vo sub ghotale me pade the or chudeya pehne hue thi. pls speakasia ke bare me maat bole or

    20lakh logo ke paat pe laat met marna ager mari to kudarat tumhe laat maar deegaaaaaaaaaa

    Soryyyyyyyyyyyy for the commenttttttttttttttt

  3. Namskar Dosto
    Chahe SPEAKASIA Hame dena Band Karde……Lekin Arthkaam Ko To JARUR Dena Chahiye.

    Dekho Ye Kya Kahte Hai…………..जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम और स्पीक एशिया में क्या समानता है? दोनों का वकील एक है और इनका नाम है – अशोक सरावगी। खैर, ऐसा होना आम बात है

    To dosto ARTHAKAAM Me Aur MASTRAAM me Kya samanta HAi?????? DONO WHITE PAPER Par Chhapate Hai…Aur dono ki INK……BLACK …hoti hai…….खैर, ऐसा होना आम बात है…
    Ho sakta Hai…………Ye Bhi AAM baat ho…….

    ab Aage Dekho ARTHKAAM ka Naya Kaam……..कमाल की बात यह है कि इस प्रेस कांफ्रेंस में स्पीक एशिया का कोई भी प्रतिनिधि मौजूद नहीं था और मीडिया के सारे सवालों के जबाव उसके कानूनी सलाहकार अशोक सरावगी ही देते रहे
    Ab Bhai…………Aap Log Hi Chilla Rahe the k Inka koi OFFICE nahi Hai……..india me koi Jabaab Denewala Nahi Hai……..To aa Gaye SPEAKASIA K कानूनी सलाहकार अशोक सरावगी…AUR AAP JAISE (THALI K BAIGAN JAISE) press WALO K LIYE SPEAKASIA KO NAHI LAGA HOGA SAMNE AANA……………TO NAHI AAYE….IS ME AAP KI KAUN SE BHAIS KHOL LI SPEAKASIA NE

    ARE BHAI AAYE TO BHI CHILLATE HO……..NA AAYE TO BHI CHILLATE HO……….

    YE AAP KI KAISI ADA HAI JI…………………………………??????

    इस बीच इस तरह की भी उड़ती-उड़ती खबरें चली हैं कि स्पीक एशिया की मालिक पोडियम रिंग इंटरनेशनल नाम की कंपनी है जो वर्जिन आइलैंड में पंजीकृत है। अभी तक यही माना जाता रहा है कि स्पीक एशिया की कर्ताधर्ता सिंगापुर की अनिवासी भारतीय हरेन्द्र कौर हैं।
    ARE RE……KYA ARTHKAAM ko sirf इस तरह की भी उड़ती-उड़ती खबरें Hi Milti hai……..matlab jin ki sachhayi pe bhi SAWAL hota hai…………..Aisi KHABRE……………………………WAH -wah

    स्पीक एशिया की कर्ताधर्ता सिंगापुर की अनिवासी भारतीय हरेन्द्र कौर हैं।…………………Hai na …….Harendar kaur……………………Wahi Hai………….Jo IMAGINE TV Par aayi thi……….ye Wahi Hai…………..Jo aaj Tak Koi MLM ka कर्ताधर्ता HIMMMAT Nahi Kar Saka…….TV chanal Par aane ki……..Wahi Kiya Is हरेन्द्र कौर Ne…….

    Aur ARTHAKAAK batata hai………………हालांकि क्लाएंट के नामों को लेकर काफी समय से परदादारी और बवाल चल रहा है। 16 मई को स्पीक एशिया के किसी भी प्रतिनिधि ने प्रेस कांफेंस में क्लाएंटों के नाम नहीं बताए थे और मीडिया से यहां तक कहा था कि अगर वो उनसे नॉन डिस्क्लोजर एग्रीमेंट करें, तभी वे इनके नाम बता सकते हैं।

    are Bhai to Karo Na नॉन डिस्क्लोजर एग्रीमेंट…kya KIRIT SOMAIYYA me dum Nahi Hai …….Kya STAR NEWS walo me., aaz tak Walo Me………..Dum Nahi Hai…………. नॉन डिस्क्लोजर एग्रीमेंट………Karwane Ka……..are Kya Us chennai me Baithe MARWADI me bhi DUM Nahi Hai………..jo In Sab Ka……………ANNADATA hai……………………………..

    वैसे कंपनी के वकील अशोक सरावगी का कहना था कि स्पीक एशिया की अधिकांश इक्विटी हिस्सेदारी हरेन्द्र कौर के परिवार के पास है और भारत में उसके सीईओ मनोज कुमार भी इसके मालिकाने में हिस्सेदार हैं। हरेन्द्र कौर संक्षेप में खुद को हरेन भी लिखती है।……………………………….Abhi to Haren hi kafi hai……….
    Pahle is se to NIPAT k Batao………….Nahi Nipat Paoge Pata Hai kyo…………………………….???????

    Kyoki HAREN KAUR janti hai………………………………………JO CHIDIYA NAL BAAZ LADAWA………TO GOVINDSING NAAM KAHAWA………….

    ise……….HAREN KAUR KO CHIDIYA samzane ki bhul Nahi Karna……………….Kirit Bhai………Rahul……..Bhai…….aur GUPTA ji………………Warna…………………………………

    JO BOLE SO NIHAL………………………………………………………………………JHALAK

  4. to all media, aap log jaante hain k media hamare loktantra ka paanchva stambh hai. Mai sirf ye kahna chahta hu k agar aapke paas kisi k khilaaf koi saboot hai to usko galat kaho, baat ko ghuma k tod mod k mat pesh kro. apni reliabilty maintain rkho wrna aap me aur saas bahu k programme me kya diff rh jayega.

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