संसद पर एफडीआई का ग्रहण हटेगा बुधवार से

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उम्मीद जताई है कि बुधवार को जब चार दिन के अंतराल के बाद संसद की बैठक होगी तो कार्यवाही सामान्य तरीके से चलेगी। सोमवार को राजधानी दिल्ली में नौसेना दिवस पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री से यह उम्मीद जताई। यह भी माना रहा है कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी उसी दिन सर्वदलीय बैठक के बाद संसद में औपचारिक घोषणा कर देंगे कि मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का फैसला फिलहाल स्थगित किया जा रहा है।

बता दें कि वित्त मंत्री ने सोमवार सुबह बीजेपी नेता सुषमा स्वराज और सीपीएम सांसद सीताराम येचुरी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद बताया गया कि सरकार फैसले को तब तक टालने के लिए तैयार है, जब तक इस पर सभी विपक्षी दलों और मुद्दे से जुड़े पक्षों के साथ गहन विचार-विमर्श नहीं हो जाता।

इस मुलाकात में सुषमा स्वराज ने वित्त मंत्री से कहा कि सरकार को इस मामले पर बयान देना चाहिए। वहीं, सीताराम येचुरी ने बुधवार को संसद की अगली बैठक से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। सूत्रों का कहना है कि सर्वदलीय बैठक बुधवार को संसद की बैठक से पहले हो सकती है।

इससे पहले प्रणव मुखर्जी ने पिछले हफ्ते बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कैबिनेट से राय-विचार के बाद उनसे फिर से बातचीत करेंगे। सीताराम येचुरी ने वित्त मंत्री से कहा है कि यह उचित होगा कि एफडीआई के फैसले को रोकने की बात सभी राजनीतिक दलों को बताई जाए।

यह पूछे जाने पर कि मुखर्जी ने उनसे इस फ़ैसले को वापस लेने की बात कही या सिर्फ़ फ़िलहाल रोके जाने का भरोसा दिलाया, सुषमा ने कहा कि वित्त मंत्री ने इस मामले में विस्तार से बात नहीं की और यही कहा कि वह सदन में सरकार के रूख को स्पष्ट करेंगे। बाद में सुषमा ने संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल से भी बात की और सर्वदलीय बैठक बुलाने पर जोर डाला।

बता दें कि रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर हंगामे के कारण 22 नवंबर से शुरू हुए शीत सत्र में संसद अभी तक कोई कामकाज नहीं हो सका है।

1 Comment

  1. agar yahi karna tha to unko pehle saab se maswara karna chahiye baad me sansad me rakna chahiye tha, india ke khali congress ek esi party nahi he jo fdi ko 51 percent. india me or bhi party he jo iss baad ko samaj sakti thi, mgr cong, ko apni ullu sida karka isse acha koi mila nahi. agar yahi karna tha to sansad ka 7 din ka kaam bekar ho gaya or bahut sare kaame taklif hui. cong. jab se sarkar me aayi he taab se desh ka beda gara ho gaya he, hum isse jyada nahi lik sakte, aap bahut ache he jo yaha saab bate likte he.

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