शेयर बाज़ार में सबसे ज्यादा उछल-कूद और धमाचौकड़ी मचाते हैं इंट्रा-डे ट्रेडर। ऐसे ट्रेडर जो खरीद या बिक्री (लॉन्ग या शॉर्ट) की पोजिशन अगले दिन तक नहीं ले जाते। इन्हीं की सक्रियता से बनता है दिन का एडवांस-डिक्लाइन अनुपात, किसी दिन कितने शेयर बढ़े और कितने घटे, इसका अनुपात। अगर यह एक से ज्यादा है तो बाज़ार में खरीद या तेजड़ियों का दम ज्यादा है और एक से कम है तो बिकवाली या मंदडियों का ज़ोर अधिकऔरऔर भी