बुद्ध कहते थे, वर्तमान में रहो। अतीत इसी में मिलता और भविष्य यहीं से निकलता है। अगर इस क्षण को साध लिया तो सारा प्रवाह साफ दिख जाएगा। लेकिन क्षण में पैठकर प्रवाह को पकड़ना इतना आसान नहीं। वित्तीय जगत में तो निवेश की रीत यही है कि वर्तमान को नहीं, भविष्य को समझकर धन लगाओ। वर्तमान को जानो ताकि भविष्य को समझ सको। शेयर बाज़ार या निवेश के दूसरे माध्यम अतीत या वर्तमान की परवाह नहींऔरऔर भी