शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग का रिस्क दिन तक ही सीमित रखनेवाले इंट्रा-डे ट्रेडरों के रुझान का पता लगाने का संकेतक है एडवांस-डिक्लाइन अनुपात। दूसरी तरह के ट्रेडर वे हैं जो ज्यादा रिस्क लेते हैं, जिनके पास ज्यादा धन है। वे मार्क टू मार्जिन चुकाकर अपने सौदे कई दिन तक आगे बढ़ा सकते हैं। अक्सर वे डेरिवेटिव सेगमेंट में शामिल स्टॉक्स और निफ्टी व बैंक निफ्टी में ट्रेड करते हैं। इनकी सक्रियता बाज़ार की भावी चाल के दूसरेऔरऔर भी