देश में दलहन की घरेलू मांग और पूर्ति के अंतर को पाटने के लिए अभी लम्बे प्रयास की जरूरत है और इस साल हमें दालों का आयात करना पड़ सकता है। यह कहना है केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार का। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निदेशकों के सालाना सम्मेलन के दौरान पवार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, “अनाज उत्पादन हो या फल-सब्जी, हमारा प्रदर्शनऔरऔर भी

कृषि व सम्‍बद्ध क्षेत्रों में सकल पूंजी निर्माण 2004-05 में सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) का 13.1 फीसदी था, जबकि वित्त वर्ष 2010-11 तक यह बढ़कर 20.1 फीसदी हो गया है। कृषि व सम्‍बद्ध क्षेत्र मार्च 2012 में खत्म हो रही 11वीं योजना के दौरान 3.5 फीसदी की अनुमानित दर से बढ़ा है, जबकि 10वीं और 9वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान विकास की दर क्रमशः 2.4 फीसदी और 2.5 फीसदी थी। यह आंकड़े हमारे अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनऔरऔर भी

दार्जिलिंग चाय को भी इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के लिए बेचने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। लेकिन इससे पहले सॉफ्टवेयर की कुछ दिक्कतों को दूर करना होगा। कोलकाता चाय व्यापारी संघ (सीटीटीए) ने बुधवार को यह जानकारी दी है। चाय व्यापारी संघ की अध्यक्ष संगीता किचलू ने कोलकाता में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा् कि दार्जिलिंग चाय की इलेक्ट्रॉनिक नीलामी को अभी तक पेश नहीं किया गया है क्योंकि इस उत्पाद का मानकीकरण नहीं किया जाऔरऔर भी

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के मुताबिक, अब समय आ गया है कि महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) पर अमल के दूसरे चरण की शुरुआत की जाए। गुरुवार को राजधानी दिल्ली में छठे मनरेगा सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि राज्‍य सरकारों और विभिन्‍न समूहों के साथ व्‍यापक विचार-विमर्श के बाद अनेक नए विचार सामने आए और उनमें से कुछ को अगले महीने तक मनरेगा के दूसरे चरण में शामिल करऔरऔर भी

देश में पिछले दस सालों में 22,135 करोड़ रुपए के फसल बीमा दावों का निपटान किया गया है। इससे 4.86 करोड़ किसानों को लाभ मिला है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 19 जनवरी 2012 तक उपबल्ध जानकारी के आधार पर बताया है कि फसल बीमा दावों में 4099 करोड़ रुपए के साथ आंध्र प्रदेश पहले नंबर पर रहा। इसके बाद गुजरात (3917 करोड़ रुपए), राजस्थान (2621 करोड़ रुपए), महाराष्ट्र (1873 करोड़ रुपए), बिहार (1794 करोड़ रुपए) और कर्नाटकऔरऔर भी

खाद्य मुद्रास्फीति लगातार तीसरे हफ्ते साल भर पहले की तुलना में बढ़ने के बजाय घट गई है। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की तरफ से हर गुरुवार की तरह इस गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 7 जनवरी 2012 को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से नीचे 0.42 फीसदी रही। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति की दर इससे पिछले हफ्ते शून्य से नीचे 2.90 फीसदी और उससे पिछले हफ्ते शून्य से नीचे 3.36 फीसदी थी।औरऔर भी

कृषि मंत्रालय की तरफ से दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक अभी तक रबी सीजन में कुल 290.67 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुआई कर दी गई है। पिछले साल इसी तिथि तक कुल 288.38 लाख क्षेत्र में गेहूं की बुआई की गई थी। पिछले साल की तुलना में इस साल यह कुल 2.29 लाख हेक्‍टेयर अधिक है। मध्‍यप्रदेश के 4.79 लाख हेक्‍टेयर, राजस्‍थान के 3.11 लाख हेक्‍टेयर, झारखंड के 0.58 लाख हेक्‍टेयर और छत्‍तीसगढ़ केऔरऔर भी

सरकार ने तय किया है कि डोडे से अफीम बनाने का काम किसी कंपनी या कॉरपोरेट निकाय को दिया जाएगा। इससे भारत का सारी दुनिया को अफीम उत्‍पादों को सप्‍लाई करने का परांपरागत दर्जा बरकरार रहेगा और उसमें प्रतियोगिता भी आएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को नशीले पदार्थौं से संबंधित नीति का अनुमोदन कर दिया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मादक द्रव्य एवं नशीले पदार्थ पर राष्ट्रीय नीति (एनडीपीएस) को मंजूरी दीऔरऔर भी

सरकार ने राष्‍ट्रीय भूमि‍ रि‍कॉर्ड आधुनि‍कीरण कार्यक्रम (एनएलआरएमपी) को शुरू करने के तीन साल बाद इसके अंतर्गत तीन केंद्र बनाने को मंजूरी दे दी है। ये केंद्र पश्‍चि‍म बंगाल के सालबोनी, संघशासित क्षेत्र पुडुचेरी और उड़ीसा के बेरहामपुर में खोले जाएंगे। अभी चल रहे वित्त वर्ष 2011-12 में हरेक केंद्र के लि‍ए 196 लाख रुपए मंजूर कि‍ए गए हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय का दावा है कि मंजूरी मि‍लने के दि‍न से साल भर के अंदर ये केंद्रऔरऔर भी

इस बार देश में दहलन और तिलहन कम बोया गया है। अभी तक दालों की बुआई 140.66 लाख हेक्‍टेयर में हुई है, जबकि पिछले वर्ष यह रकबा 142.38 लाख हेक्‍टेयर था। चने की बुआई पिछले वर्ष की इसी अवधि में 92.77 लाख हेक्‍टेयर की तुलना में 87.22 लाख हेक्‍टेयर में की गई है। तिलहन के मामले में पिछले वर्ष के 85.5 लाख हेक्‍टेयर की तुलना में अब तक 80.96 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में बुआई की जाने कीऔरऔर भी