माल तो है पराया, खरीदा-बेचा बराबर
व्यापारी बेचने के लिए जो माल लेता है, उससे उसे कोई निजी मोह नहीं होता। वो दुकान में वही माल लाता है जो चलता है। बेकार में दुकान की जगह भरता। इसी तरह शेयर बाज़ार के ट्रेडर को भी किसी स्टॉक से मोह नहीं पालना चाहिए। वही स्टॉक्स लें जिनमें लिक्विडिटी अच्छी हो। खरीदने और बेचनेवाले शेयरों की सूची अपडेट करते रहना चाहिए क्योंकि अपट्रेन्डिंग और डाउनट्रेन्डिंग स्टॉक बदलते रहते हैं। तो, पकड़ें अब सोम का सिरा…औरऔर भी