ज्यादा वोल्यूम कहीं छलावा तो नहीं!
जहां दुनिया पल-पल बदलती हो, वहां बेजान किताबी ज्ञान या कोई रूढ़ि घातक साबित हो सकती है। जैसे, ट्रेडिंग की किताबें कहती हैं कि वोल्यूम का बढ़ना ट्रेंड की निरंतरता को दिखाता है। लेकिन वोल्यूम भीड़ के टूटकर आने या निकलने से भी बढ़ता है और उसके फौरन बाद सप्लाई और डिमांड का संतुलन टूटते ही बाज़ार का रुख पलट जाता है। ध्यान रखें, नियम से सच नहीं, सच से नियम निकलते हैं। अब बुधवार की बुद्धि…औरऔर भी