बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने सोमवार को बाजार बंद होने के बाद शाम पौने पांच बजे एक नोटिस जारी कर एक्सचेंज के ट्रेडिंग सदस्यों को सूचित किया है कि मंगलवार, 22 जून को आरडीबी इंडस्ट्रीज के शेयरों पर कोई सर्किट फिल्टर नहीं लगेगा ताकि सदस्य इस शेयर में ‘रीयलिस्टिक प्राइस लेवल’ पर सौदे कर सकें। फिर अगले ही वाक्य में जैसे कोई जीभ दबाकर बोलता है, वैसे ही बीएसई ने अपनी नोटिस में लिखा है कि ट्रेडिंग सदस्यों को सावधान किया जाता है कि वे ‘अनरीयलिस्टिक’ मूल्यों पर ऑर्डर न पेश करें। संभावना है कि सर्किट हटाने से यह शेयर एक दिन के लिए बेलगाम हो सकता है क्योंकि इसे कितना भी उठाया-गिराया जा सकता है। आज तक इस पर 5 फीसदी का सर्किट फिल्टर लगा हुआ था।
जानकारों का कहना है कि यह सब एक्सचेंज का मनमाना खेल है जो कुछ ‘ले-देकर’ खेला जाता है। उनका सवाल है कि कोई भी एक्सचेंज कैसे तय कर सकता है कि कंपनी के शेयर का कौन-सा मूल्य ‘रीयलिस्टिक’ है और कौन-सा ‘अनरीयलिस्टिक’। जब बार-बार एक्सचेंज इस शेयर को टी ग्रुप में डालकर इल्लिक्विड कर देता था तो कौन-सा ‘रीयलिस्टिक’ मूल्य वह खोज रहा था। पहले सर्किट लिमिट में बांधे रखना और फिर अचानक एक दिन के लिए सारा सर्किट हटा देने का क्या तुक है।
गौरतलब है कि बीएसई में आरडीबी इंडस्ट्रीज को बार-बार ट्रेड फॉर ट्रेड श्रेणी में डालकर टी ग्रुप में रख दिया जाता रहा है और उस पर 5 फीसदी का सर्किट ब्रेकर लगा दिया था। इस साल 22 जनवरी और 30 अपैल को ऐसा किया जा चुका है। थोड़े दिनों के लिए इसे टी ग्रुप से निकाल कर दोबारा वापस डाल दिया जाता रहा है। टी ग्रुप में होने के नाते ट्रेडरों को इससे दूर कर दिया गया था क्योंकि इस ग्रुप में शामिल शेयरों की खरीद-बिक्री का भुगतान अलग-अलग करना होता है। उन्हें आपस में काटा नहीं जा सकता। दूसरे, 5 फीसदी सर्किट फिल्टर के कारण इतनी घट-बढ़ होते ही इसके शेयरों में ट्रेडिंग रुक जाती थी।
खैर, इस समय आरडीबी इंडस्ट्रीज बीएसई के बी ग्रुप में हैं। सोमवार को इसका शेयर 151.55 रुपए पर बंद हुआ है। मंगलवार को तो इसमें कोई सर्किट फिल्टर रहेगा नहीं। बीएसई का डाटा कहता है कि इसमें 5 फीसदी के हिसाब से ऊपरी सर्किट सीमा 161.20 रुपए और निचली सीमा 145.90 रुपए की है जो शुक्रवार के बंद भाव 153.55 रुपए पर आधारित है। असल में ब्रोकरों को एक दिन खेलने का जो मौका आरडीबी इंडस्ट्रीज में दिया जा रहा है, उसका आधार यह है कि कंपनी ने अपने रीयल्टी कारोबार को अलग कंपनी आरडीबी रीयल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में डालने का फैसला किया है।
इसके लिए वह अपने शेयरधारकों को हर शेयर पर आरडीबी रीयल्टी का एक शेयर मुफ्त में देगी। इसके लिए रिकॉर्ड तिथि 23 जून 2010 है। यानी 23 जून 2010 को जिसका भी कंपनी के शेयरधारकों के रजिस्टर में होगा, उसे नई कंपनी का एक शेयर मुफ्त में मिलेगा। इसी माहौल को भुनाने के लिए अचानक कंपनी में एक दिन के लिए सर्किट फिल्टर हटाया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि निहित स्वार्थी ऑपरेटरों ने एक्सचेंज से यह फैसला करवाया है, वरना एक्सचेंज की बत्ती अचानक नहीं जलती कि आरडीबी के शेयर का मूल्य ‘रीयलिस्टिक’ स्तर पर लाया जाना चाहिए।