बैंकर से लेकर अर्थशास्त्री तक कहे जा रहे हैं कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की मध्य-तिमाही समीक्षा में ब्याज दरें बढ़ा देगा। खासकर फरवरी में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के उम्मीद से ज्यादा 8.31 फीसदी रहने पर लगभग पक्का माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दरों यानी रेपो और रिवर्स रेपो दर को 0.25 फीसदी बढ़ाकर क्रमशः 6.75 फीसदी और 5.75 फीसदी कर देगा। लेकिन सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक इस बार ऐसाऔरऔर भी

हमारे नीति-नियामकों के लिए थोड़े सुकून की बात है कि तीन महीने बाद खाद्य मुद्रास्फीति की दर अब दहाई से इकाई अंक में आ गई है। 26 फरवरी को खत्म हफ्ते में इसकी दर 9.52 फीसदी दर्ज की गई है जबकि इसके ठीक पिछले हफ्ते में यह 10.39 फीसदी पर थी। इस तरह इनमें 87 आधार अंकों की कमी आ गई है। एक आधार अंक या बेसिस प्वाइंट का मतलब 0.01 फीसदी होता है। इन आंकड़ों सेऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा नीतिगत कदमों का स्वागत करते हुए कहा है कि ये कदम सरकार की नीतियों के अनुकूल हैं और इससे महंगाई के दबाव से लड़ने में मदद मिलेगी। साथ ही बैंकों से बाजार में काम धंधे के लिए कर्ज भी सुलभ बना रहेगा। रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में अल्पकालिक ब्याज दरें 0.25 प्रतिशत बढा दी हैं। पर बैंकों पर लागू नकद आरक्षित अनुपातऔरऔर भी

बैंकों के प्रमुखों का कहना है कि रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसने के लिए अल्पकालिक दरों में जो 0.25 फीसदी की वृद्धि की है, उससे होम, ऑटो और कंपनी ऋण पर ब्याज दरों में तत्काल वृद्धि नहीं होगी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक एस सी कालिया ने कहा कि नीतिगत दर में वृद्धि ब्याज दरों में इजाफे का संकेत है लेकिन बैंक जल्दबाजी में दरों में कोई वृद्धि नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ब्याजऔरऔर भी

लगातार खराब खबरों के वार के बाद बाजार रेपो और रिवर्स रेपो की बढ़त भी झेल गया। इससे आगे क्या? कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे भी अच्छे चल रहे हैं। उनके लाभ में औसत वृद्धि 20 फीसदी के ऊपर निकल जाएगी, जबकि बाजार में चर्चा 13 फीसदी के आसपास की चल रही थी। रोलओवर का सिलसिला अभी तक बड़ा दयनीय है। गुरुवार को डेरिवेटिव सेटलमेंट का आखिरी दिन है। इसलिए रोलओवर के लिए केवल एक दिनऔरऔर भी

कल अचानक जिस तरह की कयासबाज़ी बढ़ गई थी कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की तीसरी त्रैमासिक समीक्षा में ब्याज दरें 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है, वह आज मंगलवार को पूरी तरह हवाई निकली। रिजर्व बैंक ने उम्मीद के मुताबिक रेपो और रिवर्स रेपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि कर दी है। अब तत्काल प्रभाव से रेपो दर 6.25 फीसदी से बढ़कर 6.5 फीसदी और रिवर्स रेपो दर 5.25 फीसदी से बढ़कर 5.50 फीसदी हो गईऔरऔर भी

अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक 25 जनवरी को मौद्रिक नीति की तीसरी त्रैमासिक समीक्षा में ब्याज दरें 0.25 फीसदी बढ़ा देगा। रेपो दर को 6.25 फीसदी के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 6.5 फीसदी और रिवर्स रेपो दर को 5.25 फीसदी के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 5.5 फीसदी कर दिया जाएगा। इस कदम का मकसद मुद्रास्फीति की बढ़ती दरों पर लगाम लगाना होगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक मत-संग्रह के मुताबिक आर्थिक विश्लेषक मानतेऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने तीसरी तिमाही के बीच में मौद्रिक नीति की समीक्षा करते वक्त तरलता के संकट को स्वीकार किया है और इसे दूर करने के लिए उसने 18 दिसंबर से वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 25 फीसदी के मौजूदा स्तर से घटाकर 24 फीसदी कर दिया है। साथ ही उसने तय किया है कि अगले एक महीने में वह खुले बाजार ऑपरेशन (ओएमओ) के तहत नीलामी से 48,000 करोड़ रुपए के सरकारी बांड खरीदेगा। उसने सीआरआरऔरऔर भी

मुद्रास्फीति की दर नवंबर में घटकर 7.48 फीसदी पर आ गई है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इससे उत्साहित होकर भरोसा जताया है कि मार्च 2011 तक मुद्रास्फीति की घटकर 6 फीसदी रह जाएगी। इससे और कुछ हो या न हो, इतना जरूर साफ हो गया है कि गुरुवार 16 दिसंबर को पेश की जानेवाली मौद्रिक नीति की मध्य-त्रैमासिक समीक्षा एकदम ठंडी रहेगी। इसमें ब्याज दरें बढ़ने की कोई उम्मीद नहीं है। यानी न तो रेपो दरऔरऔर भी

रिजर्व बैंक के गर्वनर डॉ. दुव्वरी सुब्बाराव के मुताबिक हाल में हाउसिंग लोन घोटाले में रिश्वत लेकर जो भी ऋण दिए गए हैं, उनमें से सभी में स्थापित नियमों का पालन किया गया है। उन्होंने गुरुवार को कोलकाता में रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि इस सिलसिले में 14 ऋण खातों की जांच की गई है और इनमें से 13 खाते एकदम दुरुस्त तरीके से काम कर रहेऔरऔर भी