दुनिया के सन्नाम निवेशक जॉर्ज सोरोस का कहना है, “निवेश का फैसला किसी वैज्ञानिक परिकल्पना को बनाने और उसे व्यवहार में परखने जैसा है। फर्क इतना है कि निवेश के फैसले से जुड़ी परिकल्पना का मसकद धन बनाना होता है, कोई सर्वमान्य सत्य स्थापित करना नहीं।” यह फैसला हर इंसान को खुद करना होता है। आपके लिए फैसला न तो कोई ब्रोकर और न ही कोई विशेषज्ञ कर सकता है। वे तो बस सूचना पाने के माध्यमऔरऔर भी

इक्विटी शेयर एकमात्र आस्ति है जिसका मूल्य मूलतः कंपनी द्वारा निरंतर बनाए जाते मूल्य को दर्शाते हुए बढ़ता जाता है। बाकी दूसरी आस्तियां या माध्यम या तो शेयर बाजार से ही कमाई करते हैं या ताश के पत्तों की तरह नोट को इस हाथ से उस हाथ तक पहुंचाते रहते हैं। इक्विटी पूंजी कमाती है तो शेयर का भाव बढ़ता है। इसी अनुपात को दर्शाता है मूल्य/अर्जन या पी/ई अनुपात। लेकिन जहां अर्जन शून्य है, वहां मूल्यऔरऔर भी

एक रुपए अंकित मूल्य का शेयर। ठीक पिछले बारह महीनों का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 1.04 रुपए। शेयर चल रहा है 73.35 रुपए पर, यानी 70.53 के पी/ई अनुपात पर। जी हां, आज हम चर्चा करेंगे असाही इंडिया ग्लास की। लेकिन इससे पहले बता दें कि 16 अगस्त को हमने कहा था कि आइनॉक्स लीज़र दो माह में 10-20 फीसदी रिटर्न देगा। तब यह 43 रुपए पर था। कल एक महीना बीतने से पहले ही यह ऊपरऔरऔर भी

कैबिनेट ने सार्वजनिक क्षेत्र की स्टील कंपनी सेल (स्‍टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) के लिए 55,000 करोड़ रुपए की निवेश योजनाओं को मंजूर कर लिया। इस्‍पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा संसद में बताते हैं कि सेल ने झारखंड में अपनी चिरिया लौह अयस्‍क खदानों के आधुनिकीकरण के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं। खुद सेल के चेयरमैन सी एस वर्मा बता रहे हैं कि कंपनी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, मोजाम्बिक व कोलंबिया तक में लौह अयस्क खदानें खरीदने कीऔरऔर भी