भगवान से ज्यादा काम का है बीमा
2010-03-31
पहले कहां कौन बीमा कराता था? ऐसा नहीं कि तब अनिश्चितता का भय नहीं था, अनहोनी की आशंका नहीं थी। लेकिन लोग भगवान के आगे माथा नवाकर निश्चिंत हो जाते थे। भगवान तू ही सबका रखवाला है, रक्षा करना- इतना भर कह देने से लगता था कि आपको किसी भी आकस्मिक आफत से निपटने का सहारा मिल गया। फिर, अपने यहां एक-दो नहीं, 33 कोटि देवता हैं। गांव से बाहर निकलिए तो ग्राम देवता को प्रणाम करऔरऔर भी