33 लाख कॉल ऑप्शंस को निकालना और 30 लाख पुट ऑप्शंस की ट्रेडिंग ने कल ही साफ कर दिया था कि बाजार आज कमजोर रहेगा। इसलिए निफ्टी के 5330 तक गिरने का पूरा अंदेशा था। लेकिन एक बार फिर डेरिवेटिव सौदों में फिजिकल सेटलमेंट के अभाव ने बाजार को निपटा दिया। बाजार के उस्तादों ने मौका ताड़कर एक बजकर 57 मिनट पर निर्णायक हमला बोल दिया। अफवाहों के दम पर निफ्टी को 2.54 फीसदी तोड़कर 5228.45 औरऔरऔर भी

यूरो ज़ोन अब ऋण संकट के साथ-साथ रिकॉर्ड बेरोजगारी, घटते औद्योगिक उत्पादन और बढ़ती महंगाई से भी परेशान हो गया है। यूरोप के सांख्यिकी कार्यालय यूरोस्टैट के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक यूरो ज़ोन में बेरोजगारी की दर जनवरी में अचानक बढ़कर 10.7 फीसदी हो गई। ऋण संकट से बुरी तरह घिरे स्पेन में बेरोजगारी की दर 23.3 फीसदी हो गई है जो पूरे यूरो ज़ोन में सबसे ज्यादा है। ऑस्ट्रिया की हालत सबसे अच्छी है। लेकिन वहांऔरऔर भी

यूरो ज़ोन के देशों के वित्त मंत्रियों ने ग्रीस के उद्धार के लिए तीन शर्तें लगा दी हैं। गुरुवार को ब्रसेल्स में ग्रीस के वित्त मंत्री के साथ यूरो ज़ोन के बाकी 16 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में तय किया गया है कि इन शर्तों को पूरा करने पर ही ग्रीस को आर्थिक संकट से उबरने लिए 130 अरब यूरो (170 अरब डॉलर) की आर्थिक मदद मिलेगी। लेकिन इसके विरोध में ग्रीस की यूनियनों सेऔरऔर भी

फ्रांस की जिस कंपनी डास्सू एविएशन ने अपने 76 सालों के इतिहास में एक भी जहाज विदेश में न बेचा हो, उसे अचानक भारतीय वायुसेना से 126 राफेल युद्धक विमानों का ऑर्डर मिल जाना किसी को भी चौंका सकता है। वह भी तब, जब सौदा 15 अरब से 20 अरब डॉलर (75,000 करोड़ से एक लाख करोड़ रुपए) का हो। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोज़ी ने पिछले हफ्ते मंगलवार, 31 जनवरी को भारत सरकार के इस फैसलेऔरऔर भी

यूरोपीय संघ के 27 में से 25 देश अपने खजाने के एकीकृत प्रबंधन पर राजी हो गए हैं। इस करार को राजकोषीय एकीकरण समझौते (एफयूपी) का नाम दिया गया है। इसके तहत इन देशों के बजट का नियंत्रण यूरोपीय संघ के हाथों में होगा। ब्रिटेन और चेक गणराज्य ने इस एकीकरण पर अपनी सहमति नहीं दी है। ब्रिटेन ने पहले ही इसमें भागीदारी से इनकार कर दिया था। चेक गणराज्य ने भी कहा है कि वह इसऔरऔर भी

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल  ने कहा है कि ग्रीस को तब तक नई सहायता नहीं दी जा सकती, जब तक वो पिछली सहायता के इस्तेमाल में वाजिब प्रगति नहीं दिखाता। सोमवार को फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी के साथ बैठक के बाद बर्लिन में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मैर्केल ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि कल, मंगलवार को वे ग्रीस के संकट पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लैगार्ड से बातचीत करनेवालीऔरऔर भी

यूरोपीय देशों का कोई साझा यूरो बांड नहीं जारी किया जाएगा। ऋण संकट का तात्कालिक तौर पर मुकाबला करने के लिए यूरोपीय संघ के देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को 200 अरब यूरो मुहैया कराएंगे। इसके अलावा यूरोपीय स्थायित्व प्रणाली (ईएसएम) 2013 के बजाय 2012 के मध्य तक लागू कर दी जाएगी। ये कुछ ऐसे फैसले हैं जिन्हें जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ब्रसेल्स में हुए दो दिन के यूरोपीय शिखर सम्मेलन से मनवाने में कामयाब हो गईं। यूरोपीयऔरऔर भी

फ्रांस और जर्मनी ने तय किया है कि कर्ज संकट से निबटने में यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) की भूमिका पर वे खुली बहस नहीं करेंगे। यूरोपीय केंद्रीय बैंक की भूमिका को लेकर यूरो क्षेत्र के दोनों देशों में गंभीर मतभेद रहे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी और जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने इटली के नए प्रधानमंत्री मारियो मोंटी के साथ बातचीत के बाद कहा कि उन्हें स्वतंत्र केंद्रीय बैंक पर भरोसा है और यूरोपीय संघ कीऔरऔर भी

यूरोप में गहराते ऋण-संकट के बीच फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी ने कहा है कि 2001 में ग्रीस को यूरोजोन में शामिल करना बड़ी गलती थी क्योंकि उस वक्त ग्रीस की अर्थव्यवस्था साझा मुद्रा समूह के लिए तैयार नहीं थी। गुरुवार को जब एक टीवी इंटरव्यू के दौरान सारकोजी से यूरोजोन बनने के दो साल के भीतर ही ग्रीस को इसमें शामिल किए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह एक गलती थी। उसकी अर्थव्यवस्थाऔरऔर भी