यूरोपीय संघ के 25 देश मिलाएंगे खज़ाना

यूरोपीय संघ के 27 में से 25 देश अपने खजाने के एकीकृत प्रबंधन पर राजी हो गए हैं। इस करार को राजकोषीय एकीकरण समझौते (एफयूपी) का नाम दिया गया है। इसके तहत इन देशों के बजट का नियंत्रण यूरोपीय संघ के हाथों में होगा। ब्रिटेन और चेक गणराज्य ने इस एकीकरण पर अपनी सहमति नहीं दी है। ब्रिटेन ने पहले ही इसमें भागीदारी से इनकार कर दिया था। चेक गणराज्य ने भी कहा है कि वह इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा। असल में यूरो मुद्रा में आ रही समस्याओं के लिए मुख्य कारण राजकोषीय एकीकरण के अभाव को बताया जाता रहा है।

सोमवार को ब्रसेल्स में हुई शिखर वार्ता में इसके अलावा यूरोपीय संघ के सदस्य देश 500 अरब यूरो वाले ईएसएम (यूरोपीय स्थायित्व प्रणाली) को तय समय से पहले लागू करने पर भी राजी हो गए हैं। इसके तहत 500 अरब यूरो का कोष इसी साल पहली जुलाई से शुरू हो जाएगा। पहले इसे 2013 में शुरू किया जाना था। अभी यूरोप में लागू ईएफएसएफ (यूरोपीय वित्तीय स्थायित्व सुविधा) पहले की तरह जारी रहेगी। मौजूदा नियमों के मुताबिक दोनों कोषों से कर्ज की सीमा 500 अरब यूरो  होगी। शिखर वार्ता में कुछ प्रतिनिधियों ने सलाह दी कि इस सीमा को कुल 750 अरब यूरो कर दिया जाना चाहिए।

उधर जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल, फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने संकेत दिए हैं कि कोष का कुछ धन बेरोजगारी से लड़ने और विकास को गति देने में किया जा सकता है। शिखर वार्ता के बाद जारी बयान में कहा गया है, “राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली हरसंभव कोशिशों को यूरोपीय संघ का समर्थन होगा। इसमें तय सीमा पर सहमति के साथ नौकरियों और विकास के लिए यूरोपीय कोष का इस्तेमाल भी शामिल है।”

शिखर वार्ता में काफी समय से लटके यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच मुक्त व्यापार पर भी चर्चा की गई। बयान में कहा गया, “साल 2012 बड़े साझेदारों के साथ व्यापार समझौता करने के लिए निर्णायक साल होगा। यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच व्यापार और निवेश के सभी विकल्पों को बढ़ावा देने की कोशिश की जानी चाहिए।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *