ज्ञान का हर क़तरा
इतना सारा जानकर करेंगे क्या? अगले जन्म में तो फिर सिफर से शुरू करना है! मृत्यु के इस भाव और भय से जिएंगे तो सारा ज्ञान निरर्थक लगेगा। लेकिन जीवन के हर पल को डूबकर जीना है तो ज्ञान का हर क़तरा जीने को सघन बना देगा।और भीऔर भी
इतना सारा जानकर करेंगे क्या? अगले जन्म में तो फिर सिफर से शुरू करना है! मृत्यु के इस भाव और भय से जिएंगे तो सारा ज्ञान निरर्थक लगेगा। लेकिन जीवन के हर पल को डूबकर जीना है तो ज्ञान का हर क़तरा जीने को सघन बना देगा।और भीऔर भी
हम अक्सर अतीत के प्रति मोह, वर्तमान के प्रति खीझ और भविष्य के प्रति डर से भरे रहते हैं। कल, आज और कल को साधना जरूरी है। लेकिन उसके लिए हमें निर्मोही, निरपेक्ष और निडर बनना होगा।और भीऔर भी
बाजार के पहले आधे घंटे में आया उछाल दमदार नहीं दिखा। बल्कि, लगता है कि यह मंदड़ियों को 5110 पर स्टॉप लॉस का डर दिखाने की कसरत थी। फिर बाजार ने शुरुआती बढ़त छोड़ दी और 5096.55 तक पहुंचने के बाद गिरने लगा। मंदड़ियों ने 5040 के लक्ष्य के साथ 5090 पर फिर से शॉर्ट सौदे करने शुरू कर दिए। दोपहर दो बजे के आसपास बाजार ने फिर पेंग भरी और निफ्टी 5099.25 तक पहुंच गया। लेकिनऔरऔर भी
काम पर जाना अच्छा नहीं लगता तो समझ लीजिए कि आप अपने अंदर की धारा नहीं, बल्कि समाज के दबाव में काम कर रहे हैं। ऐसे में खास आपके लिए निर्मित शक्तियां भी आपकी मदद नहीं कर पातीं।और भीऔर भी
मौत से क्या डरना! वह तो किसी पल आएगी और हाथ पकड़कर साथ ले जाएगी। डरना तो जिंदगी से चाहिए जिसे पल-पल जीना पड़ता है, संभालना पड़ता है। जहां जरा-सी चूक पूरी जिंदगी को नरक बना सकती है।और भीऔर भी
बाजार पूरे लहरिया अंदाज में चला। सेंसेक्स हल्का-सा गिरा। निफ्टी हल्का-सा बढ़ा। यह फर्क है सेंसेक्स के 30 और निफ्टी के 50 का। इसलिए आवाजें उठ रही हैं कि कम से कम सेंसेक्स का आधार बढ़ा दिया जाए क्योंकि वो बाजार का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता। सेंसेक्स में कम से कम 100 कंपनियां तो होनी चाहिए। खैर, फिलहाल बाजार में शोर है कि निफ्टी 4800 की तरफ जा रहा है। जब तक बिकवाली की लहर उतरती नहीं,औरऔर भी
पिछले चार दिनों से बाजार में बराबर यह खबर उड़ रही थी कि सेबी ने रिलायंस पेट्रोलियम (आरपीएल) में एसएएसटी (सब्सटैंशियल एक्विजिशन ऑफ शेयर्स एंड टेकओवर) रेगुलेशन के उल्लंघन के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) पर 400 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोंक दिया है। आज एक प्रमुख बिजनेस चैनल ने भी यह ‘खबर’ फ्लैश कर दी। अंदरूनी व भेदिया कारोबार के माहिर खिलाड़ी निफ्टी और आरआईएल में पिछले हफ्ते से ही शॉर्ट चल रहे हैं। यही वजह हैऔरऔर भी
लगातार खराब खबरों के वार के बाद बाजार रेपो और रिवर्स रेपो की बढ़त भी झेल गया। इससे आगे क्या? कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजे भी अच्छे चल रहे हैं। उनके लाभ में औसत वृद्धि 20 फीसदी के ऊपर निकल जाएगी, जबकि बाजार में चर्चा 13 फीसदी के आसपास की चल रही थी। रोलओवर का सिलसिला अभी तक बड़ा दयनीय है। गुरुवार को डेरिवेटिव सेटलमेंट का आखिरी दिन है। इसलिए रोलओवर के लिए केवल एक दिनऔरऔर भी
बॉम्बे डाईंग के साथ ऐसा क्या बुरा हो गया जो उसे इस सेटलमेंट में ठोंककर 575 रुपए से 458.75 रुपए तक पहुंचा दिया गया? आज भी यह 525.90 और 510.10 रुपए के बीच झूला है। 2 दिसंबर से 10 दिसंबर के बीच तो इसे 575 रुपए से गिराकर 458.75 रुपए पर पटक दिया गया। इसके डेरिवेटिव के साथ भी यही हरकत हुई है। इस दरम्यान कंपनी के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जो उसके स्टॉक कोऔरऔर भी
कोई भी घर-परिवार, देश या समाज अपना रह गया है या नहीं, इसकी एक ही कसौटी है कि वहां आप भय-मुक्त और निश्चिंत रहते हैं कि नहीं। जो आक्रांत करता है, वह अपना कैसे हो सकता है? वह तो बेगाना ही हुआ न!और भीऔर भी
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