बच्चा जन्म के कुछ दिन तक चीजों को उल्टा देखता है क्योंकि आंखें रेटिना पर उल्टी ही छवि बनाती हैं। फिर दिमाग सब कुछ सीधा दिखाने लगता है। कहीं जो हमें दिखता है, सच उसका उल्टा तो नहीं!!और भीऔर भी

बाजार पलटकर उठा। सुबह-सुबह सेंसेक्स 18,672.65 और निफ्टी 5604.95 तक चला गया। निफ्टी का यूं 5600 के स्तर को पार करना बड़ी बात थी। लेकिन दोपहर बारह बजे के बाद बाजार अपनी बढ़त को बनाए नहीं रख। माना जा रहा था कि निफ्टी के 5580 के ऊपर पहुंचते ही टेक्निकल एनालिस्ट और बाजार के पंटर भाई लोग लांग होने या खरीद की भंगिमा अपनाने जा रहे हैं। लेकिन शर्त यही है कि निफ्टी को इससे ऊपर बंदऔरऔर भी

आपकी नजर ही हद क्या है? कहां तक देख पाते हो आप? अपने तक, परिवार तक, समुदाय तक, समाज तक, देश-दुनिया तक या हर तरफ फैली प्रकृति तक। इसी से तय होता है आपके सुखी होने का स्तर।और भीऔर भी

बाजार इस समय एकदम दुरुस्त चल रहा है और जो भी छोटी-मोटी समस्या है, वह किसी और चीज की वजह से नहीं, बल्कि रोलओवर के चलते पैदा हुई है। बाजार के यह हफ्ता काफी अहम है। रेल बजट और आर्थिक समीक्षा पर इसी हफ्ते आनी है। हमें इन पर कायदे से गौर करने की जरूरत है। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच जेपीसी से कराने का मसला तो सुलझ ही चुका है। इसलिए संसद का गतिरोध खत्म हुआऔरऔर भी

बंद आंखों के सपने हमें अधूरी चाहतों व वर्जनाओं से मुक्त कराते हैं, जबकि खुली आंखों के सपने दुनिया को जीतने का हौसला देते हैं। इसलिए खुली आंखों से बंद आंखों के सपने देखना अच्छी बात नहीं है।और भीऔर भी

देखती हैं आंखें, दिखाते हैं हम। माइक्रोस्कोप से देखा तो असंख्य  बैक्टीरिया नजर आ जाते हैं। टेलिस्कोप से देखा तो दृष्टि से ओझल सितारा दिख जाता है। असली सच नंगी आंखों से देखे गए सच से बहुत बड़ा होता है।और भीऔर भी