केंद्र सरकार ने कॉरपोरेट क्षेत्र को अब तक का सबसे बड़ा उपहार दिया है, वह भी बजट से बाहर। शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की राजधानी दिल्ली नहीं, बल्कि गोवा की राजधानी पणजी में शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में इस तोहफे या प्रोत्साहन उपाय की घोषणा की। इसके तहत कॉरपोरेट क्षेत्र को कुल 1.45 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया है। मकसद साफ है कि अर्थव्यवस्था में छाई निराशा और शेयर बाज़ारऔरऔर भी

चालू वित्‍त वर्ष 2011-12 में अप्रैल से जनवरी तक के दस महीनों में कुल प्रत्‍यक्ष कर वसूली 4,25,274 करोड़ रूपए रही है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान हुई 3,71,188 करोड़ रूपए की वसूली से 14.57 फीसदी अधिक है। इस दरम्यान अप्रत्यक्ष कर संग्रह 3,17,233 करोड़ रुपए रहा है जो पिछले वर्ष की समान अवधि की अपेक्षा 15.1 फीसदी ज्यादा है। वित्त मंत्रालय की तरफ से बुधवार को जारी जानकारी के मुताबिक, प्रत्यक्ष करोंऔरऔर भी

चालू वित्त वर्ष 2010-11 में अप्रैल से नवंबर तक के आठ महीनों में प्रत्‍यक्ष करों से पूरे साल के लक्ष्य का 50.38% हिस्सा जुटाया जा चुका है। बजट में कुल लक्ष्य 4,30,000 लाख करोड़ है, जबकि 2,16,628 करोड़ रुपए आ चुके हैं। यह राशि पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि में मिले 1,83,822 करोड़ से 17.85% ज्यादा है। इस दौरान कॉरपोरेट टैक्स 22.30% (1,13,210 करोड़ से 1,38,461 करोड़) और निजी इनकम टैक्स 10.66% (70,278 करोड़ से 77,768औरऔर भी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को नए प्रत्यक्ष कर विधेयक को मंजूरी दे दी है। अब इसे सोमवार 30 अगस्त को संसद में पेश किया जाएगा, जहां आम राजनीतिक सहमति को देखते हुए इसके फौरन पास हो जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के मुताबिक विधेयक में व्यक्तिगत आय की करमुक्त सीमा को 1.6 लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख करने का प्रस्ताव है। साथ ही कॉरपोरेट टैक्स की दर 30 फीसदी रखी गई है औरऔरऔर भी